COVISHIELD

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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। जहां एक शख्स ने बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया है कि, उनकी बेटी की मौत कोरोना वैक्सीन की साइड इफ़ेक्ट से हुई है। जिसके लिए पिता ने 1,000 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है. अदालत में दायर याचिका में कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, इसके सहयोगी बिल गेट्स, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है। 

    क्या है पूरा मामला?

    बता दें कि, पिता का नाम दिलीप लुनावत है और उनकी बेटी पेशे से मेडिकल प्रोफेसर थी। मृतका के पिता के मुताबिक, उनकी 33 वर्षीय बेटी स्नेहल लूनावत नागपुर के एक मेडिकल कॉलेज में सीनियर प्रोफेसर थी। स्नेहल ने 28 जनवरी 2021 को नासिक में कोविशील्ड की पहली खुराक ली थी। जिसके बाद उसे 5 फरवरी को सिर में तेज दर्द हुआ। बाद में डॉक्टर से संपर्क करने पर उसे माइग्रेन की दवा दी गई, जिसे खाकर उसे थोड़ा आराम हुआ। लेकिन उसके बाद 6 फरवरी को उसने गुड़गांव यात्रा की और 7 फरवरी की सुबह 2 बजे उसे थकान के साथ उल्टी हुई।

    1 मार्च 2021 को हुई मौत 

    जिसके बाद स्नेहल को पास के आर्यन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने स्नेहल को कहा कि उसके ब्रेन में ब्लीडिंग हो सकती है। वहां, न्यूरोसर्जन मौजूद न होने के कारण उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया। जहां, डॉक्टरों ने उसके दिमाग में खून का थक्का होने की आशंका जताई, जिसके बाद उसे ब्रेन हेमरेज हुआ। वहीं, डॉक्टर्स ने खून का थक्का हटाने के लिए उसकी सर्जरी की। इसके बाद स्नेहल 14 दिन वेंटिलेटर पर भी रही। लेकिन उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हुआ और 1 मार्च 2021 को उसकी मौत हो गई। 

    वैक्सीन के सुरक्षित होने के दावे गलत

    याचिकाकर्ता लूनावत का कहना है कि, उनकी बेटी स्नेहल हेल्थ वर्कर होने की वजह से उसे वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा कि, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने टिके की सुरक्षा पर गलत बयान दिए हैं। वहीं, याचिकाकर्ता ने सीरम इंस्टीट्यूट पर झूठी प्रतिक्रिया देने का भी आरोप लगाया है। उनके मुताबिक, ये कहना गलत है कि वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है।

    वैक्सीन से हुई मौत 

    लूनावत  ने याचिका में यह भी दावा किया है कि, केंद्र सरकार की आफ्टर इफेक्ट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कमेटी ने 2 अक्टूबर 2021 को माना था कि स्नेहल की मौत वैक्सीन के साइड इफेक्ट से हुई है।

    मृतिका को घोषित करें शहीद 

    लूनावत का कहना है कि, राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों और कोविशील्ड वैक्सीन की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि, मृतक स्नेहल को शहीद घोषित किया जाए और उसके नाम से समर्पित शोध संस्थान भी खोला जाना चाहिए।