साल भर में बाघ के हमले में 6 की मृत्यू – 69 जानवरों को बनाया निवाला

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  • सालभर बाघ, तेंदुए का उत्पात

गड़चिरोली: गडचिरोली जिला वनों से घिरा जिले के रूप में पहंचाना जाता होकर जिले में बाघ की दहशत इसके पूर्व कभी भी जिलावासीओं ने महसूस नहीं की थी. मात्र 2019 इस वर्षभर में जिले में बाघ की दहशत महसूस हुई. इन बाघों ने साल भर में तकरीबन 6 मनुष्य की जान ली होकर करीबन 69 जानवरों को निवाला बनाया. विशेष रूप से गडचिरोली वनवृत्त अंतर्गत आनेवाले वडसा व गडचिरोली वनविभाग में बाघ का मुक्त संचार होने का विगत कुछ माह की घटना से स्पष्ट हो रहा है. इस वर्ष पहिली बार ही बाघ व मनुष्य का संघर्ष जिलावासीओं ने महसूस किया है.

वर्ष 2019 में प्रथम बार ही बाघ व मनुष्य का संघर्ष महसूस हुआ. जिले के वनाच्छित क्षेत्र में वन्यजीव हमले में जानवर व कुछ मनुष्य घायल होने का नजर आ रहा था. मात्र इस वर्ष वन परिसर समीप ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों ने प्रथम ही बाघ, तेंदुए की दहशत महसूस की है. पिछले 2 माह के कालावधि में गडचिरोली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले जिलास्थल परिसर के अमिर्झा खंड क्र. 413, चांदाला मार्ग के खंड क्र. 174 व पोर्ला वनक्षेत्र अंतर्गत खंड क्र. 573 में कुल 3 लोगों की बाघ ने जान ली.

वहीं जनवरी से मई 2020 इस कालावधि में बाघ के हमले में 6 मृतकों समेत एक मामुली घायल होने का पंजीयन किया गया है. इसमें आरमोरी वनपरिक्षेत्र के कक्ष क्र. 1535 में 1, सिर्सी खंड क्र. 48 में 1, वडसा वनपरिक्षेत्र के कोंढाला खंड क्र. 59 में 1 की मृत्यू व आरमोरी वनपरिक्षेत्र के आष्टा खंड क्र. 67 में बाघ के हमले में 1 मामुली घायल होने का पंजीयन है. जिससे इस वर्ष बाघ के हमले में कुल 6 मृतकों का पंजीयन किया गया है. बाघों के बढते हमलों से जिले में बाघों की संख्या बढती जा रही होकर अभी तक वनविभाग द्वारा इन बाघों का बंदोबस्त करने में सफलता हासिल न होने से बाघ व मनुष्य का संघर्ष शुरू रहने की स्थिती देखने को मिल रही है. 

पशुपालकों का भी काफी नुकसान

गडचिरोली वनवृत्त विभाग ने दी हुई जानकारी के अनुसार साल भर में बाघ के हमले में 69 जानवर घायल व उसमें कुछ जानवरों की मृत्यू हुई है. इन पशुपालकों को नुकसान मुआवजा पुलिस विभाग ने अनुदान वितरित किया गया है. विनविभाग ने दिए हुए जानकारी के अनुसार जिले में अधिकांश गडचिरोली वनक्षेत्र में बाघों ने 22 जानवरों को मौत के घाट उतारा है. वहीं चातगाव उपवनक्षेत्र में 21, धानोरा उत्तर उपवनक्षेत्र में 12, धानोरा दक्षिण उपवनक्षेत्र में 9, मुरुमगाव पुर्व उपवनक्षेत्र में 2 व मुरुमगाव पश्चिम उपवनक्षेत्र में 3 जानवरों की मृत्यू हुई है. इस नुकसान का सरकार द्वारा पशुपालकों को 9 लाख 33 हजार 158 रूपए अनुदान की राशि वितरीत की गई है.

हमले में मृतक व घायलों को तत्काल मदद

वन्यजीव हमले में घायल व मृत्यू होने पर सरकार द्वारा अर्थसहाय्य के रूप में तत्काल मदद की जाती है. इस अंतर्गत हमले में व्यक्ती की मृत्यू होने पर 15 लाख, विकलांग होने पर 5 लाख, गंभीर रूप से घायल होने पर 1 लाख 25 हजार, मामुली घायल होने पर 50 हजार रूपयों की अर्थसहाय्य मदद की जाती है. वनविभाग अंतर्गत साल भर में बाघ के हमले में मौत होनेवाले 6 लोगों में से कुछ लोगों को पूर्णत: अर्थसहाय्य की रक्कम अदा की गई है. वहीं कुछ लोगों की प्रक्रिया शुरू रहने की जानकारी प्राप्त हुई है. इस अर्थसहाय्य योजनाअंतर्गत मृतक के परिवार को तत्काल 5 लाख नगदी स्वरूप में दिए जाते है. वहीं शेष 10 लाख रूपए वारीसदार के खाते में बचत स्वरुप में जमा की जाती है.

जिले में 13 बाघ समेत 25 तेंदुए का अस्तित्व?

साल भर में वन्यजीओं के हमले के घटना से जिले में बाघों की संख्या बढने का निदर्शन में आ रहा है. वन्यजीव जानकरों के जानकारी के अनुसार जिले में 13 बाघ समेत 25 तेंदुए का अस्तित्व होने का कहा जा रहा है. इसके पूर्व इतने बडे पैमाने में जिले में बाघों की संख्या पाई नहीं गई थी. बाघों का आकडा ध्यान में लेते हुए जिले में डर का वातावरण निर्माण हुआ है. ताडोबा अभयारण्य से अनेक बाघ व तेंदुए गडचिरोली जिले में प्रवेश करने की जानकारी है. जिससे जिले के वनक्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्र में बाघों का मुक्तसंचार बढता नजर आ रहा है. साथ ही इन बाघों ने अब वनक्षेत्र की सीमा पार कर गाव की ओर कदम बढाने से बाघ व मनुष्य का संघर्ष बढने की तस्वीर है.

गडचिरोली, वडसा वनवृत्त में बाघों का मुक्त संचार 

गडचिरोली मुख्य वनसंरक्षक (प्रादेशिक)कार्यालय अंतर्गत वडसा, गडचिरोली, आलापल्ली, सिरोंचा, भामरागढ इन पाच वनवृत्त का समावेश है. साल भर में इन पाच में से गडचिरोली और वडसा वनक्षेत्र में बाघ व तेंदुए का मुक्त संचार होने का पिछले कुछ माह की घटना से स्पष्ट होता है. जिससे इस दो वनक्षेत्र में बाघ समेत तेंदुओं की संख्या तेजी से बढने का नजर आ रहा है. चंद्रपूर जिले के ब्रम्हपूरी वनक्षेत्र अंतर्गत बाघ व तेंदुए ने गडचिरोली जिले में प्रवेश करने का कहा जा रहा है.