बाल दिवस पर बालकों ने किया आंदोलन का नेतृत्व, मेड़ीगट्टा बाधितों के अनशन का 8 वां दिन

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    सिरोंचा. तेलंगाना सरकार द्वारा सिरोंचा तहसील की सीमा पर बनाए गए मेडीगट्टा प्रकल्प के चलते सिरोंचा तहसील के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. प्रकल्प के बैक वॉटर के चलते किसानों की फसल पुरी तरह बर्बाद हो गयी है. जिससे अनेक किसान भुमिहिन हो गये. और अनेक किसानों पर भुमिहिन होने की नौबत आन पड़ी है. लेकिन दुसरी ओर प्रकल्प के बाधित किसानों को उचित न्याय नहीं दिया जा रहा है.

    जिससे प्रकल्प के बाधित किसानों ने गत सोमवार से सिरोंचा तहसील मुख्यालय में बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है. ऐसे में आंदोलन के आठवें दिन सोमवार को बाल दिवस पर प्रकल्प बाधितों के बच्चों ने एक दिवसीय धरना देकर आंंदोलन का नेतृत्व किया है. विशेषत: रविवार को आंदोलनकर्ताओं ने आंदोलनस्तर पर ही भिख मांगों आंदोलन किया था. सोमवार का ेआंदोलन में बैठक बालकों में लोकेश रंगुवार, शांती रंगुवार, साक्षभ् रंगुवार और वनश्री रंगुवार का समावेश है. 

    मासूम बच्चों ने भी हाथों में फलक लेकर शुरू किया आंदोलन

    मेडीगट्टा प्रकल्प के चलते सिरोंचा तहसील के अनेक किसानों के किसानों की खेती का भारी नुकसान हुआ है. वहीं पिछले अनेक माह से नुकसानग्रस्त किसानों को उचित न्याय दिलाने संदर्भ में प्रशासन व सरकार से मांग की जा रही है. लेकिन अब तक किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिया गया. जिससे पिछले 4 दिनों से प्रकल्प बाधितों ने तहसील मुख्यालय में बेमियादी अनशन शुरू कर दिया. विशेषत: गुरूवार को महिलाओं ने आंदोलन का मोर्चा संभाला. ऐसे में उनके बच्चे भी हाथों में फलक लेकर अपनीे माताओं के साथ आंदोलन में बैठे हुए नजर आए.

    तीन वर्षो से प्रलंबित पड़ी है भुसंपादन की प्रक्रिया

    मेडीगट्टा प्रकल्प के बैक वॉटर के चलते आरड़ा माल, मृगापुर, पेंटीपाका, तुमनुर, मृदुक्रिष्णापुर, जानमपल्ली, मद्दीकुंठा, चिंतलपल्ली, नगरम, रामक्रिष्णापुर, सिरोंचा रै. सिरोंचा माल, कासरपल्ली समेत अन्य गांवों की खेत जमीन डुब गयी. तीन वर्ष पहले संबंधित गांवों की खेती के भुसंपादन को मंजूरी मिली. लेकिन अब तीन वर्षो की कालावधि पूर्ण होने के बाद भी भुसंपादन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पायी है. वहीं दुसरी ओर प्रकल्प के बैक  वॉटर के चलते संबंधित गांवों के नागरिकों पर भुखों मरने की नौबत आन पड़ी है. 

    इन मांगों का है समावेश

    सोमवार से तहसील मुख्यालय में प्रकल्प बाधितों ने विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी अनशन शुरू किया है. जिनमें मेड़ीगट्टा-कालेश्वर सिंचाई प्रकल्प अंतर्गत मंजूर हुए खेत जमीन की तत्काल भुसंपादन करने, किसानों की खरीदी-बिक्री कर किसानों को 20 लाख रूपये मुआवजा देने, बार-बार छोड़े जानेवाले पानी के चलते खेत जमीन नदी में तब्दिल हो गयी है. उक्त जमीन का सर्वे कर भुसंपादन करने, पिडि़त किसानों को प्रकल्पग्रस्त घोषित कर प्रमाणपत्र देने, प्रकल्पबाधितों को सरकारी जगह उपलब्ध करा देने समेत विभिन्न मांगों का समावेश है.