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    गड़चिरोली. गत वर्ष ओड़ीसा राज्य से छत्तीसगढ़ होते हुए गड़चिरोली जिले की धानोरा तहसील में पहुंचे जंगली हाथियों के झुंड़ ने भारी उत्पात मचाया था. फसलों को क्षति पहुंचाने के साथ ही घरों को भी क्षति पहुंचाने और संरक्षण दिवारों को की तोडफ़ोड़ की थी. जिससे नुकसानग्रस्त किसान व नागरिकों ने नुकसानग्रस्त क्षेत्र का पंचनामा कर नुकसानग्रस्तों को वित्तीय सहायता देने की मांग की थी. जिसके नुसार वनविभाग ने नुकसानग्रस्त क्षेत्र का पंचनामा कर मुआजवा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. लेकिन अनेक नुकसानग्रस्त नागरिक मुआवजे से वंचित थे.

    इसी बीच 17 जून को राज्य सरकार के महसूल व वनविभाग ने जीआर जारी नुकसान राज्य में हाथियों के चलते  हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा. ऐसी बात जीआर मेंं कही है. जिससे गत वर्ष जिले में जंगली हाथियों के चलते हुए नुकसान का मुआवजा मिलने की आस नुकसानग्रस्त लोगों में जाग उठी है. 

    गड़चिरोली व वड़सा वनविभाग में मचाया था उत्पात

    छत्तीसगढ़ राज्य से जिले की धानोरा तहसील की सीमा में पहुंचें जंगली हाथियों ने धानोरा तहसील के विभिन्न गांवों में धान फसल, रबी फसल और घर समेत लोगों के घरों के संरक्षण दिवारों को नुकसान पहुंचाया था. इसके बाद जंगली हाथियों का दल गड़चिरोली वनविभाग से वड़सा वनविभाग में जा पहुंचा. जहां पर जंगली हाथियों ने वड़सा, कुरखेड़ा और कोरची तहसील में भी उत्पात मचाया था. काफी दिनों तक इस क्षेत्र के में रहने के बाद जंगली हाथियों का झुंड़ वापिस छत्तीसगढ़ राज्य में लौट गया. 

    अब नुकसानग्रस्त घरों का भी मिलेगा मुआवजा

    राज्य सरकार द्वारा पहले जारी किए गए आदेश में केवल शेती अवजार व उपकरण, बैलगाड़ी, संरक्षण दिवार व सुरक्षा घेरा का नुकसान होने पर मुआवजा देने की बात कही गयी थी. लेकिन 17 जून को जारी नये जीआर नुसार  कवेलु का घर, टिन व सिमेंट के पत्रों का घर, ईट और स्लैब का घर समेत गौशाला के नुकसान का भी मुआवजा देने की बात कही गई है. जिससे अब घर और गौशाला के नुकसान हुए लोगों को भी सरकार द्वारा मुआवजा मिलेगा.

    किसको कितना मुआवजा

    17 जून को सरकार द्वारा जारी किए गए जीआर नुसार, खेती अवजार व उपकरण को 5 हजार रूपयों तक नुकसान की रकम दी जाएगी. बैलगाड़ी के नुकसान पर 5 हजार से कम रकम होगी. संरक्षण दिवार व सुरक्षा घेरे को 10 रूपयों से कम रकम होगी. वहीं कवेलु, टिन, सिमेंट के पत्रे व गौशाला के लिये 50 हजार रूपयों से कम रकम, इट व स्लैब की इमारत को लाख रूपयों से कम रकम मुआवजे के रूप में देने की बात कही गई है.