नरभक्षी बाघ का बंदोबस्त करने की मांग, गड़चिरोली में ढोल बजाओ आंदोलन

    Loading

    गड़चिरोली. वर्तमान स्थिति में गड़चिरोली तहसील में बाघ की समस्या प्रमुख बन गयी है. अब तक इस तहसील में बाघ ने 14 लोगों की जान ली है. जिसके कारण तहसील के नागरिकों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. अनेक बार आंदोलन कर वनविभाग और प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया गया.

    लेकिन अब तक वनविभाग को बाघ को पकडऩे में सफलता नहीं मिली है. वहीं दुसरी ओर इस तहसील में बाघ की दहशत बढ़कर लोग पुरी तरह भयभित हो गये है. नरभक्षी बाघ को तत्काल पकडऩे के लिये मंगलवार को सर्वदलीयों समेत सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और तहसील के 15 गांवों के नागरिकों ने स्थानीय इंदिरा गांधी चौक में ढोल बजाओ आंदोलन कर जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है.

    इस आंदोलन में विधायक डा. देवराव होली, गड़चिरोली पंस के उपसभापति विलास देशमुखे, भाजपा तहसील अध्यक्ष रामरतन गोहणे, हेमंत बोरकुटे, संभाजी ठाकरे, भावना फुलझेले, योगाजी कुडवे, खिमदेवी चुधरी, राजेंद्र उंदिरवाड़े, रमेश गुरनुले, शशिकला झंझाल, लता मड़ावी, भिमराव निकुरे, रूपेश चुधरी, सचिन भुसारी, अतुल राऊत समेत ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

    मुख्य वनंसरक्षक कार्र्यालय पर दी दस्तक

     पिछले दो वर्षो की कालावधि में एक-एक कर बाघ ने 14 लोगों की जान ली है. गड़चिरोली तहसील में आदमखोर बाघ की दहशत निर्माण हो गई है. एक तहफ वनविभाग नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये संबंधित जंगल क्षेत्र में पिंजरे लगाने के साथ ही बाघ को पकडऩे के टिम बुलाई है.

    लेकिन अब तक काफी दिनों की कालावधि बित जाने के बावजूद भी नरभक्षी बाघ वनविभाग के हाथ नहीं लगा है. वहीं दुसरी ओर बाघ आए दिन लोगों पर हमला कर रहा है. जिससे तत्काल बाघ का बंदोबस्त करने की मांग को लेकर शहर के मुख्य चौक मेंं ढोल बजाओ आंदोलन करने के बाद आंदोलनकर्ताओं ने अपना मोर्चा मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय पर ले गये. वहां पर मुख्य वनसंरक्षक को ज्ञापन सौंपकर तत्काल बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की है.

    मृतकों के परिजनों को वित्तीय सहायता देने की मांग

    गत दो वर्षो से गड़चिरोली तहसील के आंबेशिवणी, आंबेटोला, भिकारमौशी, मुरूमबोडी, बोथेडा, कलमटोला, धुंडेशिवणी, राजगट्टा चेक, जेप्रा, अमिर्झा, उसेगांव, गोगांव, दिभना, अडपल्ली, महादवाड़ी, कुराड़ी और चुरचुरा आदि गांवों में बाघ ने दहशत मचा रखी है. अब तक 14 लोगों की बाघ ने जान ली है. इसके अलावा 50 से 60 मवेशियों को अपना निवाला बनाया है. बाघ के हमले में मृत हुए लोगों के परिजनों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करें व ृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी पर लेने की मांग की गई.

    ड्रोन व शुटर कर रहे बाघ की खोजबिन: डा. मानकर

    गड़चिरोली के मुख्य वनसंरक्षक डा. किशोर मानकर ने बताया कि, नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये वनविभाग हरसंभव प्रयास कर रहा है. विशेषत: वनविभाग बाघ की खोजबिन ड्रोन की सहायता ली जा रही है. इसके लिये आरआरटी (रॅपीट रिस्पान्स टीम) के सदस्य को भी जंगल में तैनात किया गया है. बाघ को शुटर पहले बहोश करेंगे. बाद में उसे पकड़ा जाएगा. ऐसी जानकारी उन्होंने दी.