जैविक किटनाशके, खाद का उपयोग कर सेंद्रीय खेती को गति दे, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने किया आह्वान

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    • कृषी विज्ञान केंद्र गड़चिरोली को प्रयोगशाला के उपकरण भेट 

    गड़चिरोली. रासायनिक खाद का उपयोग कम कर जैविक खाद का महत्व किसानों तक पहुचाएं तथा जैविक किटनाशके तथा खाद का उपयोग कर सेंद्रीय खेती को गति दे, ऐसा आह्वान केंद्रीय सडक परिवहन व महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने किया. केंद्रीय निंबूवर्गीय फल अनुसंधान संस्था नागपुर में 26 जून को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस समय वे बोल रहे थे.

    कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महासंचालक डा. त्रिलोकन मोहपात्रा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के उपमहासंचालक डा. सुरेशकुमार चौधरी, कृषि वैज्ञानिक भर्ती चयन मंड़ल नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष तथा डा. पंदेकृवि अकोला के कार्यकारी परिषद सदस्य डा. सी. डी. मायी, केंद्रीय निंबूवर्गीय फल अनुसंधान संस्था नागपुर के संचालक डॉ. दिलीप घोष, डा. पंदेकृवि अकोला के विस्तार शिक्षा संचालक डा. आर. एम. गाडे, संशोधक संचालक डा. वी. के. खर्चे, प्रमुख शास्त्रज्ञ डा. आशुतोष मुरकुटे, कृषि विज्ञान केंद्र सोनापूर-गड़चिरोली के वरीष्ठ शास्त्रज्ञ तथा प्रमुख संदीप कराले, विषय विशेषज्ञ पुष्पक बोथीकर उपस्थित थे. इस समय केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के हाथों कृषि विज्ञान केंद्र सोनापूर-गड़चिरोली को जैविक किटनाशके प्रयोगशाला के उपकरण प्रदान किए गए. 

    किसान कृषि विभाग से संपर्क करे 

    उक्त जैविक किटनाशके प्रयोगशाला में ट्रायकोडर्मा, रायझोबियम जैसे जैविक बुरशीनाशक किटनाशक तैयार किया जानेवाला है. इस द्वारा रासायनिक खाद का उपयोग कम होगा, और उत्पादन वृद्धि के लि पोषक बनेगा. किसान रासायनिक खाद पर होनेवाले अतिरीक्त खर्च में बचत होगी, साथ ही जमीन का स्तर सुधरेगा, किटों का प्रबंधन होने में मदद मिलेगा. किसानों को समय में व कम खर्च में बुरशीनाशक उपलब्ध होंगे. इससे जमीन स्तर अच्छा रहेगा और मानवी स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद होगी. उक्त जैविक बुरशीनाशक किसानों को खरीदी करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, सोनापूर-गड़चिरोली में उपलब्ध है. इसके लिए किसान संपर्क करे, ऐसा आह्वान कृषि विभाग गड़चिरोली ने किया है.