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    गड़चिरोली. वर्तमान स्थिति में कुछ क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की कटाई व कुटाई शुरू है. लेकिन अब अनेक जगह पर धान की कटाई व कुटाई पूर्ण होने से खेती की साफ-सफाई कर हल जोतना शुरू किया गया है. धान कुटाई किए गए खेत में हल जोतना शुरू है. वहीं जीस खेती में ग्रीष्मकालानील धान फसल नहीं थे, ऐसे खेतों में पहली बारिश की प्रतिक्षा है. रोहिणी नक्षत्र खत्म होने के कगार पर आ गया है.

    लेकिन अब तक बारिश की एक बुंद भी नहीं गिरी. गत वर्ष तीन-तीन बार बारिश ने दस्तक दी थी. अब मृग नक्षत्र से किसानों को उम्मीद होने की बात किसान वर्ग ने कही है. ऐसे में पिछले तीन दिनों से सुबह के समय आसमान में बादल छा रहे है. जिससे बारिश होने की संभावना जताई जाती थी. लेकिन दोपहर के बाद धुप निकलने के कारण बारिश होने की आस खत्म हो रही है.

    अच्छी बारिश होने के बाद बुआई के कार्य को शुरूआत होगी. लेकिन सिंचाई सुविधा वाले किसान पहली बारिश की प्रतिक्षा न करते हुए 10 जून से ही बुआई का कार्य शुरू करेंगे. आसमानी बारिश की प्रतिक्षा करनेवाले किसानों को इस वर्ष बुआई कार्य करने में विलंब होगा. ऐसी बात कही जा रही है. 

    खेत परिसर में आग का ज्वाला 

    खरीप सत्र में धान के बुआई के पहले खेत में उगा घास-फुंस उग गया है. साथ ही खेत परिसर में अन्य पेड़-पौधों समेत ग्रीष्मकालीन धान फसल वाले जगह का तनस यह सभी जलाया जा रहा है. जिससे सुबह और शाम के समय खेतों में आग दिखाई दे रही है. जीस जमीन पर धान की बुआई करनी है, ऐसे जगह का तनस व अन्य घासफुस जलाया जा रहा है. जिससे वर्तमान स्थिति मेंं में आग लगते दिखाई दे रही है. 

    चारे के लिये तनस की ढूलाई

    ग्रीष्मकालीन धान फसल का उत्पादन लेनेवाले किसान खेतों का तनस बैलगाड़ी व टै्रक्टर की सहायता से अपने  घरों में ढुलाई कर रहे है. यह तनस बरसात के दिनों में पशुओं के लिये पशुओं के लिये चारा के रूप में उपयोग किया जाता है. अनेक किसानों के पास पशुधन नहीं है, फिर भी किसान गाय, भैंस व बैलों के लिये चारा उपलब्ध हो, इसलिये खेतों से तनस की घर में ढूलाई की जा रही है. बाहर गांव के किसान यहां से तनस लेकर जाते है.