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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (फाइल फोटो)

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    मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले (Nana Patole) ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार को मेडिकल अभ्यर्थियों को तमिलनाडु की तर्ज पर राष्ट्रीय प्रवेश एवं पात्रता परीक्षा (नीट) से छूट देनी चाहिए। पटोले ने कहा कि नीट केंद्रीय बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के पक्ष में है।

    उन्होंने कहा, “सीबीएसई और अन्य समान (केंद्रीय) बोर्डों के छात्र राज्य बोर्ड की तुलना में नीट में (अधिक संख्या में) तेजी से सफलता प्राप्त कर रहे हैं। प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं और परीक्षा में बैठने वाले फर्जी छात्रों के मामले सामने आए हैं।”

    महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। इसके अलावा गठबंधन सरकार में शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल है। तमिलनाडु की विधानसभा ने 13 सितंबर को तमिलनाडु स्नातक मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रम विधेयक पारित किया है जिसमें नीट के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश को रोकने की बात कही गई है।

    पटोले ने दावा किया कि नीट की शुरुआत से पहले, तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले 71.73 प्रतिशत छात्र राज्य बोर्ड से थे, जबकि सीबीएसई के छात्रों का अनुपात केवल 0.13 प्रतिशत था।

    उन्होंने कहा कि लेकिन 2020-21 में सीबीएसई के छात्रों का अनुपात बढ़कर 26.83 प्रतिशत हो गया है, जबकि तमिलनाडु राज्य बोर्ड के छात्रों का अनुपात गिरकर 48.22 फीसदी हो गया है।

    कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सिर्फ अन्याय का ही नहीं, बल्कि असमानता का भी मामला है। नीट राज्य बोर्डों के छात्रों के अवसरों पर अंकुश लगा रहा है, जिनमें से कई आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से हैं।” (एजेंसी)