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    गोंदिया. जिले के वन परिक्षेत्र में अनेक गांवों का समावेश है और अनेक गांवों व खेतों में वन्यप्राणियों द्वारा लोगों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. विगत 6 वर्ष में वन्य प्राणियों के हमलों  में 17 लोगों की मृत्यु हो गई. वहीं 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. जिला वनों से आच्छादित है. नवेगांवबांध, नागझिरा अभयारण्य का जिले में समावेश है.

    इस अभयारण्य में बड़े पैमाने पर वन्यजीवों का निवास है. अनेक बार मानवी हस्तक्षेप से पानी की खोज में वन्य प्राणी खेत परिसर व गांव की ओर आते है. जिससे कई बार मानव पर हमले की घटना घटती है. इसी में विगत 6 वर्ष में वन्यप्राणियों द्वारा मानव पर हमले होने की अनेक घटना हुई है. जिसमें 17 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है. जबकि 200 लोग घायल हो गए है. मृतकों में अनेक लोग परिवार प्रमुख होने से उनके परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे है.

    शासन नियमानुसार वन विभाग के माध्यम से वन्य प्राणियों के हमले में मृत होने वाले परिवारों को आर्थिक मदद दी जाती है. इसके बावजुद परिवार प्रमुख का आर्थिक मुआवजे की कीमत से नुकसान पुर्ण होना संभव नहीं है. वन क्षेत्र से लगे गांवों में खेत में मानव पर वन्यप्राणियों के हमले होते ही हैं. वन्य प्राणी अनेक बार गांव में प्रवेश कर जाते हैं.

    जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष दिखाई देता है. वर्ष 2017-18 में 2 लोगों की मृत्यु हुई. 2018-19 व सन 2019-20 में 3 लोगों की जान गई. सन 2020-21 में 4, सन 2021-22 में 3 और सन 2022-23 में 2 इस तरह 17 लोगों की मृत्यु वन्य प्राणियों के हमले में हुई है. इसमें से 15 मृतकों के परिवारवालों को 1 करोड़ 87 लाख रु. की व घायलों को 1 करोड़ 15 लाख 83 हजार रु. की आर्थिक मदद दी गई.

    वन विभाग ध्यान दे 

    जिला वनों से घिरा है. जिले के अभयारण्यों में बड़े पैमाने पर वन्यप्राणियों का निवास है. गर्मी के दिनों में वन्य प्राणी खेत परिसर व गांव की ओर आते है. ऐसे समय अनेक बार मानव पर हमले की घटना घटती है. इन घटनाओं में वृद्धि हुई है. जिससे वन विभाग को इस ओर ध्यान देना जरूरी है.