ठंड से बढ़ी ठिठुरन, सूरज की तपिश का मजा लेते रहे लोग

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    गोंदिया. गत सप्ताह से जिले में ठंड अपना असर दिखा रही है, जिसके कारण नागिरक गरम कपड़ों का उपयोग कर रहे है.  वहीं ग्रामीण परिसर खेतों में खेतीहर मजदूर व किसान ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले  रहे हैं.

    गत दो दिनों से ठंडी हवाए चलने के कारण शरीर कंपकपा रहा है, शाम होते ही सड़कों में सन्नाटा देखा जा रहा है.  ठंड  में होने वाली बिमारियों के कारण सरकारी व निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ दिखाई दे रही है. जिले में सतत  तापमान गिरता जा रहा है. पारा घसर जाने के कारण ठंडी हवाओं के झोंके से शरीर कांप रहा है.

    इस वर्ष दिसंबर माह से  ठंड की शुरूआत हुई और सप्ताह पूर्व बदरीले मौसम के कारण तापमान में गिरावट होने से  ठंड का अधिक  असर दिख रहा है. तहसील में 20 दिसंबर को सुबह 7 डीग्री से. तापमान दर्ज किया गया. शुक्रवार व शनिवार की सुबह से ही ठंडी हवा से नागरिकों प्रभावित कर रखा है.

    जिसके कारण ग्रामीण व  शहरी परिसर में भी नागरिक अलाव का सहारा लेते हुए दिखाई दे रहे है. कड़ाके की ठंड से नागरिकों स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम दिखाई दे रहा है. ठंड के मौसम में होने वाली बिमारियां जोर पकड़ रही है, सर्दी, गले में खराश, खांसी व बुखार के मरीज अस्पताल में दिखाई दे रहे है. छोटे बच्चों में निमोनियां के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

    बीमारियों का भी बढ़ा खतरा 

    चिकित्सकों ने बताया कि मौसम के परिवर्तन से बुजुर्ग, लकवा के मरीज को ठंड के मौसम में अधिक परेशानी होती है, इस प्रकार के मरीजों ने ठंड से बचने के लिए गरम पानी का सेवन करें, गरम भोजन लें. शरीर में गर्मी का संतुलन बनाए रखने के लिए लौंग, शहद, हलदी, खजूर, मेथी  का उपयोग करें, विशेष तौर छोटे बच्चों को ठंड से अधिक परेशानी होती है.

    घर के काम करने में मुश्किल 

    रामनगर निवासी पारबताबाई ने बताया कि  ठंड इतनी बढ़ गई है कि घर के काम करने में मुश्किल हो गई है. नल के पानी से बर्तन व कपड़े धोना भी मुश्किल भरा हो गया है. नलों से बर्फ जैसा ठंडा  पानी आ रहा है. जिसे हाथ में लेने में भी परेशानी हो रही है.  ठंड के कारण हाथ पैर भी ठंडे हो जाते है जिसके कारण अलाव का सहारा लेना पड़ता है.

    वैसे इन दिनों कुएं व बोरिंग से निकला हुआ पानी थोड़ा बहुत गर्म रहता है लेकिन सिटेंक्स का पानी बर्फ के पानी जैसा हो गया है. उसी प्रकार सुबह व शाम के समय गर्म कपड़ों का उपयोग कर काम करना पड़ता है.

    सतर्कता जरुरी

    ठंड के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है.  शहरों में अधिकांश मकान सीमेंट के होते है इसमें मिट्टी के घरों की अपेक्षा फर्श अधिक ठंडा हो जाता है.  इस मौसम में खुले पैर रहने के  बजाए चप्पल पहनने  व गर्म पानी के उपयोग करना चाहिए. खुले पैर रखने से एलर्जी  हो सकती है इसमें सिके, शरीर में खुजली, पीठ दर्द की परेशानी बढ़ जाती है.  इस मौसम में  बच्चों और बुजुर्गो को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.  

    यह करे उपाय

    ठंड को अक्सर लोग नजरअंदाज करते हैं. ठंड में सावधानियां न बरतना लोगों के लिए खतरनाक साबित होता है और इसके कारण लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.  सुबह शाम बिना गर्म कपड़ों के बाहर नहीं  निकलना अच्छा होगा.  बाहर से आकर तुरंत गर्म कपड़े न उतारें,  पानी का भरपूर सेवन करें गुनगुना पानी का प्रयोग लाभदायक है,  खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक उपयोग   करें,   बच्चों और बुजुर्गो को हमेशा गर्म स्थान पर रहना चाहिए. ब्लड प्रेशर के मरीजों को ठंड से बचना चाहिए, नियमित व्यायाम भी करना चाहिए.