Crop Insurance

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गोंदिया. खरीफ मौसम 2020 में 56,640 किसानों ने लगभग 28,915 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया था. बाढ़ अतिवृष्टि, बेमौसम बारिश व बीमारियों के प्रकोप के चलते इस वर्ष उत्पादन काफी कम हुआ है. बावजूद इसके सिर्फ 4,333 किसान ही फसल बीमा के लिए पात्र घोषित हुए है. जिन्हें नुकसान भरपाई के रूप में 62.33 लाख रु. मिलेंगे.

50 से 60 प्रश तक हुआ उत्पादन

जानकारी के अनुसार जिले में इस वर्ष के खरीफ मौसम की धान उत्पादकता लगभग 50 से 60 प्रश से भी कम है. बावजूद इसके किसानों को नुकसान भरपाई से वंचित रहना पड़ा है. इस वर्ष 1 लाख 91 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ के धान का उत्पादन लिया गया  जिसमें से अधिकांश फसलें बीमारियों व मौसम की मार से बर्बाद हुई.  जिले की उत्पादकता में   गिरावट आई है. लेकिन अब तक सिर्फ 4 हजार 333 किसान ही फसल बीमा योजना के तहत नुकसान भरपाई के लिए पात्र घोषित किए गए है.

बाढ़ के कारण गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के किसानों का पात्र सूची में समावेश है. सूची के अनुसार गोंदिया तहसील के कामठा क्षेत्र के 1,360 किसानों को 15.86 लाख रु. व रतनारा क्षेत्र के 699 किसानों को 9.95 लाख रु. फसल बीमा के रूप में मंजूर हुए है. उसी प्रकार तिरोड़ा तहसील के मुंडीकोटा क्षेत्र के 1,323 किसानों को 22.76 लाख रु. तथा परसवाड़ा क्षेत्र के 951 किसानों को 13.75 लाख रु. सहित कुल 4 हजार 333 किसानों को 62.33 लाख रु. मंजूर हुए हैं.

कई किसानों को नहीं मिला लाभ

उल्लेखनीय है कि गोंदिया व तिरोड़ा ही नहीं बल्कि जिले के हर तहसीलों के सैकड़ों हेक्टेयर की धान फसलें बर्बाद हुई. लेकिन अब तक उन किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिला है. पिछले कुछ वर्षों में किसानों के लिए यह योजना केवल दिखावा साबित होने के कारण फसल बीमा करने में किसान रुचि नहीं दिखाते. जो किसान फसल कर्ज लेते हैं वही किसान फसल बीमा कराते हैं. 

सूत्रों के अनुसार जिले की अंतिम आनेवारी 31 दिसंबर के बाद घोषित होगी. फसल बीमा योजना की शर्तों के अनुसार यदि उत्पादकता कम रही तो किसानों को योजना का लाभ मिल सकता है. इस वर्ष निश्चित रुप से धान का उत्पादन कम है. आनेवारी घोषित होने के बाद फसल बीमा योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ने की संभावना है.