वन्यजीवों की दहशत से नागरिकों में भय

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    अर्जुनी मोरगांव. गोंदिया जिला जंगलों से घिरा हुआ है. जहां पर बड़े पैमाने पर वन्यजीव रहते है. अनेक बार यह वन्यजीव मार्ग से गुजरने वाले वाहनों की चपेट में भी आ जाते है जिससे उनकी मृत्यु भी हो गई है. इन वन्यजीवों से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के भय बना रहता है. गोंदिया जिले की सड़क अर्जुनी, गोरेगांव, अर्जुनी मोरगांव, नवेगांव बांध आदि क्षेत्र में वन्यजीव बडे पैमाने पर देखे जाते है. इन क्षेत्रों में अनेक बार वन्यजीवों ने अनेक लोगों पर हमला किया है. जिसमें वे घायल भी हुए है और अनेक ने अपनी जान भी गंवाई है.

    गोंदिया जिले के नवेगांवबांध अभयारण्य, उत्तर दिशा से भंडारा जिले के नागझिरा अभयारण्य तथा पश्चिम से वैनगंगा नदी के उस ओर चंद्रपुर जिले का ताड़ोबा व्याघ्र अभयारण्य प्रकल्प है. उपरोक्त अभयारण्य से लाखांदुर तहसील के जंगल परिसर में अनेक वन्यजीवों का आवागमन होता है. विगत माह से उक्त क्षेत्रों में वन्यजीवों का खेत परिसर व गांव में आने का प्रमाण बढ़ गया है तथा कुछ माह से तहसील में हिंसक जीवों ने मानव सहित मवेशियों पर हमला कर घायल करने की घटनाएं हुई है.

    जिसमें अनेक व्यक्ति की जान चली गई है. जनवरी माह से तहसील में तेंदुआ सहित हिंसक जीवों का खेत परिसर सहित बस्तियों में आने का प्रमाण बढ़ गया है. जिससे जंगल व्याप्त परिसर सहित गांव के नागरिकों के मन में हिंसक प्राणियों का भय निर्माण हुआ है. जंगल व्याप्त परिसर की जगह पर मानव अतिक्रमण कर रहा है. जिससे जंगल का क्षेत्र कम होता जा रहा है. जंगल कम कर वन अधिकार समिति की ओर से उस जगह का पट्टा मिलाने का प्रयास शासन की ओर से किया जाता है.

    बड़े वन का क्षेत्र आरक्षित न करने पर वन्यजीव जंगल के बाहर आ रहे हैं तथा जंगल व्याप्त गांव के नागरिक जलाऊ लकड़ी के लिए जंगल में जाते हैं उस पर निर्बंध लगाना आवश्यक है. वनविभाग ने कड़ी भूमिका व्यक्त करने पर अनुचित घटना न हो. वन्यजीवों से सावधान रहे यह आह्वान करने के साथ-साथ वन्यजीवों को अन्न मिले इस दिशा में उपाय योजना करना जरूरी है. जिससे वन विभाग ने इस संदर्भ में ठोस जिम्मेदारी लेने की मांग है.