अर्जुनी मोरगांव. गांव का कोई भी व्यक्ति अधिकार के घर से वंचित नहीं रहेगा, इसके लिए शासन स्तर पर घरकुल योजना क्रियान्वित की जा रही है. प्रशासन की जटिल प्रणाली व संबंधितों के अड़ीयल रवैये से लाभार्थियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है.परिणामस्वरूप घरकुल के निर्माण कार्य धीमी गति से शुरू है. नियमित रूप से घरकुल निर्माण कार्य के धनादेश जमा करने में टालमटोल किया जा रहा है. ऐसा आरोप लाभार्थियों ने लगाया है.
ठप पड़े है निर्माण कार्य
ग्रामीण क्षेत्र के गरीब व सर्वसामान्य नागरिकों को घर मिले इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, रमाई आवास योजना, शबरी आवास योजना अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को घरकुल योजना का लाभ दिया जाता है. इसमें चयन किए गए लाभार्थियों को अनुदान की राशि चरणबद्ध तरीके से पंस स्तर से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है. पंस के बांधकाम विभाग में कार्यरत संबंधित कर्मियों की काम चलाऊ नीति से लाभार्थियों के बैंक खातों में धनादेश जमा करने में टालमटोल किया जा रहा है. जिससे कई घरकुलों के निर्माण कार्य का कम ठप पड़ा है. शासन की विभिन्न योजना अंतर्गत तहसील में कई घरकुलों के लक्ष्य दिए गए है. इसमें कभी निधि तो कभी डीएससी नहीं लगने की बात कहकर लाभार्थियों को भ्रमित किया जा रहा है.
पंस कार्यालय के काट रहे चक्कर
पात्र लाभार्थियों को 1 लाख 30 हजार रुपये की निधि दी जाती है. लाभार्थियों को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 4 हाजिरी पट निकालकर 18 से 20 हजार रुपये की राशि मजदूरी के रूप में दी जाती है. घरकुल लाभार्थियों का चयन होने पर कार्यारंभ का आदेश लाभार्थियों को देते समय प्रथम किश्त 20 हजार रुपये बैंक खाते में जमा करना अनिवार्य है. जबकि कुछ लाभार्थियों को अनुदान की प्रथम किश्त मिली ही नहीं है. इसमें अधिकांश भोले भाले लोग अनुदान के धनादेश जमा करने के लिए पंस कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. घरकुल निर्माण कार्य के निर्माणाधीन कार्य की प्रत्यक्ष जानकारी लेकर लाभार्थियों को निर्माण कार्य के लिए मार्गदर्शन कर अनुदान की रकम चरणबद्ध तरीके से लाभार्थियों के खातों में जमा करने के लिए पंस स्तर पर सर्कल के अनुसार गृह निर्माण अभियंता कार्यरत है. अभियंता घरकुल निर्माणाधीन कार्य में अनुदान के धनादेश देने में टालमटोल कर रहे हैं.