नदी किनारे श्मशान भूमि को हड़पा,  संस्कार कर रहे ग्रामवासियों के सामने जगह का अभाव

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    गोरेगांव . शहर में स्थित पांगोली नदी के किनारे की जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आ रहा है. जिसमें नदी के किनारे स्थित खेत मालिक दिनेश रहांगडाले व प्रभाकर पटले द्वारा यह अतिक्रमण किए जाने की शिकायत पूर्व पंस सभापति लक्ष्मीकांत बारेवार ने गोरेगांव पुलिस सहित तहसीलदार सचिन गोसावी व नपं मुख्याधिकारी हर्षला राणे से की है.

    जानकारी के अनुसार पांगोली नदी यह गोरेगांव शहर के कुछ परिसर से होते हुए गुजरती है. यहां नदी के किनारे से लगकर शहर के अनेक किसानों के खेत मौजूद  हैं. जिसमें दिनेश रहांगडाले व  प्रभाकर पटले के भी खेत शामिल हैं. कुछ दिनों पूर्व नदी से खेतों की सीमाओं की दूरी लगभग 40 फिट हुआ करती थी. लेकिन अतिक्रमण के चलते यह दूरी अब नहीं के बराबर रह गई है. जबकि नदी किनारे इसी जमीन पर शहरवासी शवों का अंतिम संस्कार जैसे कामों के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं.

    लेकिन अब  अतिक्रमण के चलते उक्त जमीन अब विवादों में आ गई है. उल्लेखनीय है कि पांगोली नदी से लगकर ही गोरेगांव शहर की शमशान भूमि है जहां वर्षों से शवों का अंतिम संस्कार होते आ रहा है. यहां नदी किनारे शवों को अग्नि दी जाती है. यह सिलसिला यहां 50 वर्षों से चल रहा है. ऐसे में यहां स्थित नजदीकी किसानों ने जानकारी दी कि अतिक्रमण की गई जमीन पर वर्षों से शवों का अंतिम संस्कार होते आ रहा है. जिसमें जानवरों को भी दफन किया गया है. उक्त जमीन पर कुछ दिन पूर्व ही जेसीबी द्वार खुदाई की गई है. 

    इस बीच शिकायतकर्ता बारेवार के अनुसार उक्त अतिक्रमित जमीन पहले ज्ञानीराम देशमुख की थी. उनकी मृत्यु के बाद इसी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था. उसके बाद इस जमीन को देशमुख परिवार ने शमशान भूमि के लिए ग्राम पंचायत को दान कर दी थी. जिसके चलते 50 वर्षों से इस जमीन का इस्तेमाल शमशान भूमि के लिए किया जा रहा है. ऐसे में उस जमीन पर अतिक्रमण दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसके चलते इस मामले पर कार्रवाई कर उक्त जमीन से अतिक्रमण  हटाने के मांग उन्होंने प्रशासन से की है.