खरीफ मौसम की बुआई अंतिम चरण में, मौसम के रुख को देख संभलकर कदम बढ़ा हे किसान

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    गोंदिया. खरीफ मौसम की शुरुआत 1 जून से होती है. जिले में वार्षिक मिनीमम बारिश 1350 मिमी. होती है. इसी में 1 जून से आज तक जिले में 192.8 मिमी. बारिश होना अपेक्षित है. लेकिन अब तक 202.0 मिमी. बारिश हुई है. जिसका प्रश 104.8 है. इसमें मिनीमम की तुलना में अधिक बारिश हुई है. इसी श्रृंखला में सतत हो रही बारिश से खरीफ मौसम की बुआई अंतिम चरण में है.

    विशेष बात यह है कि जिनके पास कोई भी सिंचाई की सुविधा नहीं है, या जो बारिश के पानी पर निर्भर है ऐसे किसानों की बुआई शेष है. जबकि जिनके पास सिंचाई की सुविधा है उन किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है. जिले में 2 लाख 20 हजार हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र में से लगभग 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ मौसम में धान की फसल लगाई जाती है. शेष क्षेत्र में खरीफ की अन्य फसलों का उत्पादन लिया जाता है.

    पिछले कुछ वर्षों से जिले में निसर्ग के असंतुलन से किसानों की धान फसल का बडा नुकसान हो रहा है. ऐसा होने के बावजूद राज्य शासन के गारंटी भाव से थोडी बहुत राहत मिल रही है. गत वर्ष के खरीफ मौसम वाले धान फसल का बोनस इस बार विलंब से मिलने वाला है. इस सब के बाद भी किसान खरीफ मौसम को लेकर उत्साहित हैं.

    जिले में 1 जून से 30 सितंबर तक इन 4 माहों में 41 मंडलों में अपेक्षित बारिश 1220.30 मिमी. है. जबकि जिले में बारिश का वार्षिक मिनीमम 1350 मिमी. है. इसी में 27 जून को 16.55 मिमी. बारिश दर्ज की गई. इस बार मौसम की शुरुआत से ही बारिश ने राहत दी है. जिससे बुवाई के कार्य अंतिम चरण में है. 

    फसल कर्ज वितरण का लक्ष्य पूर्ण करें

    जिले में फिलहाल खरीफ मौसम की शुरुआत हो गई है. किसानों को फसल कर्ज का वितरण करने के लिए जो लक्ष्य दिया गया है वह लक्ष्य राष्ट्रीयकृत बैंक पूर्ण करने की परिस्थिति में नही है. जो राष्ट्रीयकृत बैंक दिए गए कर्ज का वितरण लक्ष्य पूर्ण नही करेगी. उस बैंक शासकीय खाते बंद कर लक्ष्य पूर्ण करने वाली बैंक में स्थानांतरित  करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए है.

    किसानों को कर्ज वितरण में जिला बैंक ने 70 प्रश. कर्ज वितरण किया है. जबकि राष्ट्रीय बैंकों का प्रश. 11 है. जिससे राष्ट्रीयकृत बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ऐसे संकेत दिए गए हैं.