Mobile return Protest of Anganwadi workers
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    गोंदिया. गांव के गली मोहले में अबोध बालकों को शाला का अनुशासन लगाने के लिए आंगनवाड़ी में भेजा जाता है. लेकिन इन बालकों का ध्यान रखने वाली आंगनवाड़ी सेविकाओं को छोटे बच्चों के साथ ही विभिन्न प्रकार के काम करने पड़ते है. इसमें सभी जानकारी अपडेट रहे इसके लिए हर एक आंगनवाड़ी सेविका को शासन ने मोबाइल दिया था.

    मोबाइल घटिया दर्जे के होने से वह चल नही रहे है. उसे कवरेज नहीं मिल रहा है. जानकारी समय पर नहीं जा रही है. जिससे त्रस्त हुई आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोबाइल वापस कर दिया है. गोंदिया जिले में 1 हजार 811 आंगनवाड़ी सेविकाओं ने अपने मोबाइल वापस लौटाए है. इन सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोबाइल लौटाने से अब जानकारी ऑफलाइन दी जा रही है.

    काम का बोझ अधिक

    आंगनवाड़ी सेविकाओं को बालकों का ध्यान रखना, मनोरंजन कर कुछ पढ़ाना, मध्यान्ह भोजन देना, पोषण आहार घर तक पहुंचाना, गर्भवती, बालक, कुपोषित बालक आदि की जानकारी ईकठ्ठा करना, सामान्य व तीव्र कम वजन वाले बालकों की संख्या संकलित कर टीकाकरण के लिए मदद करने जैसे कामों का बोझ उन पर है.

    मोबाइल बिना काम का

    इस संबंध में पदमपुर की आंगनवाड़ी सेविका यशोदा हुकरे ने बताया कि मोबाइल का कवरेज नहीं है. उसमे डाली गई जानकारी पोस्ट करने के लिए समस्या निर्माण हो रही थी. ईकठ्ठा की गई जानकारी रजिस्टर पर भरने और पून: वही मोबाइल में डालने, एक ही काम दो बार करना पड़ता है. जिससे हमने वह मोबाइल वापस कर दिया है.

    इसी तरह पोवारीटोला स्थित आंगनवाड़ी सेविका शारदा विठ्ठले का कहना है कि जानकारी मोबाइल एप में डालने अधिक समय लग रहा था. जानकारी एप में डालने पर वह जानकारी कवरेज के अभाव में आगे नहीं जा रही थी. जानकारी भेजने के चक्कर में अधिक समय व्यर्थ हो जाता था. जिससे सभी आंगनवाड़ी सेविका त्रस्त हो गई थी. इसके बाद मोबाइल वापस लौटाया गया है. 

    जिप के उपमुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय गणवीर के अनुसार जानकारी नहीं पहुंचने से त्रस्त हुई आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोबाइल वापस किया है. अब ऑफलाइन जानकारी भेजी जा रही है. जिले की सभी तहसीलों में आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोबाइल प्रकल्प कार्यालय में वापस किया है.

    इसलिए लौटा दिया मोबाइल

    मोबाइल में कवरेज नहीं रहने पर उससे जानकारी आगे नही जा रही थी. जानकारी भेजने में समस्या आ रही थी. मोबाइल एप से भेजने वाली जानकारी अंग्रेजी में  भरनी पड़ रही थी. जबकि आंगनवाड़ी सेविका 8वीं शिक्षा पर भर्ती हुई उन्हें बड़ी समस्या हो रही थी. रिकार्ड लिखने के बाद मोबाइल पर पुन: वही जानकारी भरने, एक ही काम दो बार करने पड़ते थे. इस प्रक्रिया में काम सरल होने की बजाए अधिक जटिल बन गया था. जिससे त्रस्त होकर आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मोबाइल लौटा दिया है.