मोबाईल का अभाव, जानकारी नहीं होने से भ्रम; ई-फसल पंजीयन किसानों के लिए बना परेशानी का सबब

    Loading

    गोंदिया. जिले के किसानों के लिए सात बारा पत्रक स्वयं मोबाईल पर ई-फसल दर्ज करने की प्रक्रिया परेशानी का सबब बन गई है. एक तो यह प्रक्रिया जटिल है वहीं अधिकांश किसानों के पास मोबाइल का अभाव है. लेकिन प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी नहीं होने से भ्रम का वातावरण है. इसके पूर्व सातबारा पत्रक किसानों के खेत में कौनसी फसल है, उसे पानी कुए या बोरवेल का आदि पंजीयन पटवारी कार्यालय से किया जाता था. पुर्व में इन फसलों के लिखित सातबारा पत्रक भी पटवारी कार्यालय से ही मिल रहे थे. जिससे खेत में कौनसी फसल है इसका पंजीयन गलत दर्ज हो जाने पर उसमें परिवर्तन करने की सुविधा किसानों को थी.

    वहीं अब राज्य शासन ने सात बारा ऑनलाइन किया है. अपने सातबारा पत्रक का नंबर ज्ञात होने पर कहीं भी बैठकर साताबारा निकाला जा सकता है. इसी तरह अन्य कोई भी सातबारा हासिल करना हो तो उसकी भी सुविधा ऑनलाइन प्रक्रिया में है. पटवारी कार्यालय द्वारा किए गए पंजीयन में अनेक शिकायत थी. खेत में गन्ना फसल होगी तो उसे धान के रूप में दर्ज किया जाता था वहीं धान होगा तो उसे अन्य फसल में दर्ज किया जा रहा था.

    इस पर मार्ग निकालने के लिए राज्य शासन ने ई फसल पंजीयन अभियान शुरू किया है. इस अभियान अंतर्गत किसानों को स्वयं अपने खेत में जाकर मोबाइल  के माध्यम से खेत की फसल कौनसी है उसे पानी कहां से दिया जाता है, उसके अक्षांश, रेखांश कितनी है इसे दर्ज करना पड़ रहा है. इसके लिए एंड्रायड मोबाइल की जरूरत है.

    इस मोबाइल के प्ले स्टोर में जाकर ई-फसल निरीक्षण एप मोबाइल में डाउनलोड करना पड़ता है. इसमें अपना नाम व सर्वे नंबर डालने के बाद जानकारी भरी जा सकती है. संपुर्ण जानकारी भरने के बाद मोबाइल पर रेखांश व अक्षांश दिखाई देते है. उसका फोटो निकालकर उसे भेजना पड़ता है. यह संपूर्ण प्रक्रिया  जटिल है. इसका हर एक किसान उपयोग कर सके  ऐसा मोबाइल नहीं है. परिवार में किसी के पास मोबाइल होगा तो उसका उपयोग कैसे करें इसकी जानकारी किसानों को नहीं है. कहीं समस्या निर्मित होने पर पटवारी कार्यालय द्वारा यह जानकारी भरकर दी जाती है. लेकिन पटवारी कार्यालय में सीमित कर्मचारी होने से यह कार्य भारी है. जिससे यह संपुर्ण प्रक्रिया कठिनाई वाली है. ऐसा किसानों का कहना है.