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    गोंदिया. रोजगार गारंटी योजना के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने इस कार्य पर मजदूरों की दिन में दो बार फोटो सहित उपस्थिति ऑनलाइन लेने का निर्णय लिया है. उस अनुसार रोजगार सेवकों को आदेश दिये गये. लेकिन सरकार के ही एक निर्णय के अनुसार रोजगार सेवकों ने 4 जनवरी से इस मांग के साथ हड़ताल का आह्वान किया है कि रोजगार कर्मियों को पार्ट टाइम रखे जाने पर दो बार कैसे उपस्थित हों, इस सवाल को उठाकर पुराने निर्णय को बदला जाए. इस बीच निजी लाभ के कार्यों के अलावा अन्य सार्वजनिक कार्य बंद रहे हैं. हालांकि पिछले एक माह से सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं किया गया है. इससे पिछले एक माह से गांव के कई विकास कार्य ठप पड़े हैं.

    केंद्र सरकार ने एक जनवरी से काम पर आने वाले मजदूरों को एनएमएमएस सिस्टम से ऑनलाइन हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है. सरकार का आदेश भी उक्त उपस्थिति दिन में दो बार लेने का है. हालांकि सरकार के निर्णय दिनांक 2 मई 2011 के अनुसार रोजगार सेवक को अंशकालिक रखा गया है. इसलिए उसी के आधार पर उन्हें भुगतान किया जा रहा है.

    इसलिए रोजगार सेवक कहीं और अंशकालिक काम करके अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन करते हैं. हालांकि एनएमएमएस प्रणाली के तहत रोजगार सेवकों को मजदूरों को दो बार ऑनलाइन हाजिरी देनी होती है, इसलिए उन्हें पूरा समय देना होता है. तो अब समय आ गया है कि रोजगार सेवक कम वेतन पर पूरे समय काम करे.

    इसके अलावा, कई रोजगार सेवकों के पास स्मार्ट मोबाइल फोन तक नहीं है और इंटरनेट का खर्चा भी उन पर पड़ेगा. फिर सरकार के 2011 के निर्णय को बदलकर रोजगार सेवक 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मांग की गई हैं कि रोजगार सेवकों को अंशकालिक के बजाय पूर्णकालिक बनाया जाए, स्मार्ट मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाए, साथ ही इंटरनेट की लागत को मंजूरी दी जानी चाहिए. रोजगार सेवक द्वारा जहां व्यक्तिगत हित के कार्यों पर नजर रखी जा रही है वहीं मनरेगा के तहत अन्य सार्वजनिक कार्यों को बंद कर दिया गया है.

    मजदूरों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि अगर मजदूरी नहीं मिलेगी तो काम पर क्यों जाएं. इसलिए मनरेगा के तहत धान मलनी, नाला सरलीकरण, सीमेंट रोड, सड़क गिट‍्टीकरण, तालाब बहराईकरण, गाद निकालने, पगडंडी मार्ग आदि विकास कार्य बंद किए जा रहे हैं.  लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इस मुद्दे का समाधान नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार निर्माण बंद हो गया है और मजदूरों के पास करने के लिए कोई काम नहीं है और बेरोजगारी की कुल्हाड़ी उन पर गिरी है.

    हजारों पौधे मुरझने की कगार पर 

    ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ के संदेश के साथ गांवों में बड़ी संख्या में पौधे रोपे गए. इन पेड़ों को पानी देने का काम मजदूरों द्वारा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत किया जाता है. लेकिन रोजगार सेवकों की हड़ताल के चलते मजदूरों ने भी मनरेगा के काम से मुंह मोड़ लिया है. परिणामस्वरुप पिछले एक माह से पौधों में पानी देना बंद कर दिया गया है. गर्मी अब शुरू हो चुकी है. ऐसे में पौधों को पानी की बहुत जरूरत होती है. इसलिए कई गांवों में हजारों पौधे मुरझने की कगार पर हैं.

    मांगों को मंजूर करें

    एसोसिएशन की ओर से रोगायो मंत्री संदीपान भूमरे व प्रमुख सचिव नंद कुमार वर्मा के साथ बैठक कर उनकी मांगों को लेकर उनकी समस्याओं व मांगों को प्रस्तुत किया गया है. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. जिले में लगभग 560 रोजगार सेवक हैं और वर्तमान में रोगायो के सार्वजनिक कार्यों के अलावा निजी कार्य जैसे घरकुल निर्माण, गोठे निर्माण आदि कार्य शुरु है. जैसे ही सरकार द्वारा हमारी मांगों को मंजूर किया जाएगा तो रोगायो अंतर्गत अन्य कार्य भी शुरू कर दिए जाएंगे.

    दुर्योधन वंजारी (जिला अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य ग्राम रोजगार संघ, गोंदिया)