Lok Sabha Elections

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गोंदिया. जिन 208 नगर पालिकाओं का कार्यकाल समाप्त हो चुका है अथवा ही समाप्त होने वाला है, इनमें चुनाव कराने की हलचल तेज हो गई है. राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को वार्ड गठन पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने एक कार्यक्रम की घोषणा की. इसे ध्यान में रखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि अप्रैल के दूसरे या तीसरे हफ्ते में चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा. गोंदिया और तिरोड़ा के साथ नवनिर्मित आमगांव नगर परिषद को भी शामिल किया गया है.

2017 में गठित नगर परिषद की चुनाव अधिसूचना पर आपत्ति के बाद मामला हाईकोर्ट में चला गया. हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधीश ने प्रक्रिया निरस्त कर दी. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. चुनाव आयोग ने नप की वार्ड संरचना को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अधीन मंजूरी दे दी है, संकेत दिया गया है कि आमगांव नप का चुनाव भी एक साथ होगा. इसके साथ ही गोरेगांव नगर पंचायत का चुनाव भी होगा.

1 अप्रैल तक फाइनल वार्ड संरचना को मंजूरी

आपत्तियों और सुझावों को संबंधित जिलाधीश सुनेंगे और इसकी रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को देंगे. उसके आधार पर आयोग वार्ड संरचना को अंतिम रूप देगा. आपत्तियां व सुझाव 10 मार्च से 17 मार्च तक दिए जा सकेंगे. 22 मार्च को जिलाधीश सुनवाई करेंगे. 25 मार्च तक आयोग को रिपोर्ट देंगे. आयोग 1 अप्रैल तक अंतिम वार्ड संरचना को मंजूरी दे देगा. उसी समय के आसपास अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की जाएगी.

20 अप्रैल तक चलेगी प्रक्रिया 

ओबीसी आरक्षण का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वार्ड संरचना को अंतिम रूप देने के बाद, चुनाव आयोग विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के आधार पर वार्डों की चुनावी संरचना की घोषणा करेगा और आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे. यह प्रक्रिया आम तौर पर 18 से 20 अप्रैल के बीच पूरी की जाएगी, जिसके बाद आयोग चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा.

देशी शराब की दूकान सील

गोंदिया, ब्यूरो. सड़क अर्जुनी तहसील के पांढरी गांव की महिलाएं एकजुट हुईं और उन्होंने गांव में शराब पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया. गांव में शराबबंदी के लिए ग्राम सभा में शराबबंदी का संकल्प लिया गया. इसके बाद चुनाव हुआ और गांव में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया.   करीब 3 महीने बाद आबकारी विभाग ने देशी शराब की दूकान और बियर बार को सील कर दिया. जिससे शराबबंदी की लड़ाई लड़ने वाली महिलाओं को सफलता मिली है.