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    गोंदिया. रापनि के विलीनीकरण की मांग को लेकर पिछले तीन माह से जारी एसटी कर्मियों की हड़ताल के बीच जिले की सड़कों पर कुछ बसें दौड़ रही हैं, वहीं डिपो की करीब 70 यात्री बसों के पहिए अब भी थमे हुए हैं. यात्रियों को सुविधा के अनुसार बसों की सेवा दी जा रही हैं. जिससे बस स्थानक पर यात्रियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. लेकिन बसों की समयावधि निश्चित नहीं होने से यात्रियों को घंटों इंतजार करने के बाद निराश लौटना पड़ रहा है.

    फिलहाल गोंदिया डिपो की 7 यात्री बसें सुबह 6.45 बजे से देर रात तक नागपुर तक चल रही हैं. ऐसे में तीन माह बाद पहली बार नागपुर डिपो की बस गोंदिया बस स्थानक पर पहुंची. जिससे जिले के यात्री काफी राहत महसूस कर रहे है. इस संदर्भ में विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कर्मियों के आंदोलन के चलते फिलहाल सीमित यात्री बसें चल रही हैं.

    गोंदिया डिपो से प्रतिदिन सुबह 6.45 बजे से 7 यात्री बसें गोंदिया से नागपुर तक यात्रियों को सेवा में लगी हैं. उसी तरह दूसरे डिपो की 20 से 22 बसें बस स्थानक पर यात्रियों को सेवा देने के लिए पहुंच रही हैं. जो लगभग 38 से 40 फेरियां लगा रही हैं. जिससे यात्रियों में सुरक्षित यात्रा करने का उत्साह देखा जा रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में यात्री बस स्थानक पर पहुंच रहे है. लेकिन बसों की समयावधि निश्चित नहीं होने से यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. जो कुर्सियों पर बैठकर बसों के आने का इंतजार कर लौटते नजर आ रहे हैं.

    गोंदिया डिपो के यातायात निरीक्षक महफुज खान ने बताया कि यात्रियों की सेवा के लिए गोंदिया डिपो की 7 बसें गोंदिया से नागपुर तक चल रही है. फिलहाल चालकों की कमी बनी हुई है. बस स्थानक पर साकोली डिपो की 8, तिरोड़ा की 7, भंडारा की 3 बसें प्रतिदिन यात्रियों को सेवा देने फेरियां लगा रही हैं. समयावधि निश्चित नहीं होने से यात्रियों को परेशानियां उठानी पड़ रही है. सुविधा के अनुसार यात्रियों को सेवा दी जा रही हैं.

    मांग को लेकर हड़ताल पर डटे हैं कर्मचारी

    रापनि कर्मचारियों को सरकार में विलीनीकरण करने की प्रमुख मांग को लेकर संपूर्ण राज्य में 28 अक्टूबर से रापनि कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू की है. कर्मचारियों की इस हड़ताल को अब 3 माह से अधिक का समय बीत गया है. इस कालावधि में हड़ताल करने वाले रापनि कर्मचारियों के खिलाफ सेवा समाप्ति और निलंबित करने की कार्रवाई भी की गई. लेकिन कर्मचारी अपनी प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे रहे. वहीं वर्तमान स्थिति में कुछ कर्मचारी सेवा में दाखिल हो गए हैं. लेकिन सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी अब भी हड़ताल पर डटे हैं.