Strike continues on fourth day regarding old pension

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  • पुरानी पेंशन : नप कर्मी भी आंदोलन में शामिल

गोंदिया.  पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर जारी हड़ताल में नप कर्मी भी शामिल हो गए है. पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर जिले के राज्य सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल अब भी जारी है. इस कारण राजस्व, जिला परिषद, कृषि, स्वास्थ्य विभाग, भूमि अभिलेख आदि कार्यालयों का कामकाज चरमराया गया है और लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में वीरानी छायी रही. इस दौरान अचानक  महाराष्ट्र राज्य नगर परिषद, नगर पंचायत कर्मचारी, संवर्ग कर्मचारी संगठना हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी उसे लेकिर यहां नप कर्मचारियों ने इस बात का खंडन करते हुए हड़ताल को समर्थन देने में इसमें शामिल होने की घोषणा की है.

इस संबंध में  नगर परिषद मुख्याधिकारी व जिला समन्वय समिति महासचिव तथा निमंत्रक को अधिकारी व कर्मचारियों ने हस्ताक्षयुक्त ज्ञापन सौंपकर इसकी जानकारी दी है. इसमें कहा गया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मुख्य मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य नगर परिषद,  नगर पंचायत कर्मचारी, संवर्ग कर्मचारी संगठना के नेतृत्व में  14 मार्च  से अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल है. लेकिन 16 मार्च को  महाराष्ट्र राज्य नगर परिषद, नगर पंचायत कर्मचारी, संवर्ग कर्मचारी संगठना ने   अचानक घोषणा की है कि हड़ताल वापस ले ली गई है, यह मामला हमें स्वीकार्य नहीं है.

भविष्य में सम्मान से जीवन जीने के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करना अति आवश्यक है. इसके लिए पुरानी पेंशन योजना के लिए समन्वय समिति को पूरा समर्थन देते हुए  17 मार्च  से हड़ताल में भाग ले रहे है.  उनमें भुपेंद्र सनवारे, सुनीता कनोजिया, संजय चौबे, सुशील बिसने, उपमेंद्र दीप, सुनील ठाकुर, संजय वाकले, समर मिश्रा, राहुल तिवारी, शरद बोरकर, अभिषेक बोरकर, नरेंद्र बनाफर, मनीष जुनघरे, विश्वनाथ घुगे, रामेश्वर वाघमारे, दीपक रोडे आदि का समावेश है. 

आंदोलन का असर शिक्षा व जरूरी कामकाज पर

गोरेगांव तहसील में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 17 मार्च को कर्मचारियों द्वारा तहसील कार्यालय के सामने थाली बजाकर प्रशासन का ध्यान आंदोलन की ओर करने का प्रयास किया जा रहा है. यहां तहसील से हजारों की संख्या में कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं. जिसमें 350 शिक्षकों में से 285 शिक्षकों का समावेश है साथ ही 35 ग्राम सेवक इस आंदोलन का हिस्सा है. ऐसे में इसका सबसे बड़ा असर शिक्षा व ग्रामीण क्षेत्रों के कामकाज पर पड रहा है. यहां बिना शिक्षक के शालाए वीरान पड़ी है वहीं ग्राम पंचायत कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है यहां 20 मार्च सोमवार से यह आंदोलन और बड़ा रूप लेने की जानकारी प्राप्त हुई है. प्रशासन व कर्मचारियों के बीच लड़ाई में विद्यार्थी व आम नागरिकों के जरूरी कामकाज रुके हुए हैं. 

उल्लेखनीय है की कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से आंदोलन की शुरुआत की गई थी आज इस आंदोलन को पूरे 4 दिन हो गए हैं. जिसमें आंदोलन का बुरा असर अब आम नागरिकों के कामकाजों पर पड़ने लगा है. 10वीं कक्षाओं की परीक्षा  शुरू है साथ ही अन्य कक्षाओं की भी परीक्षाएं सामने है. यहां सैकड़ों की संख्या में शिक्षक इस आंदोलन में शामिल हैं. जिसका सबसे बड़ा असर हजारों विद्यार्थियों के शिक्षा पर पड़ रहा है. ऐसी भी शिक्षकों की कमी है ऊपर से इस आंदोलन से शालाएं वीरान है तहसील के अधिकतर कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

ग्राम सेवकों के आंदोलन में शामिल होने से अधिकतर ग्राम पंचायत कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. मनरेगा कार्यों से लेकर ग्राम पंचायत अंतर्गत चल रहे सभी कार्यों पर इसका असर देखा जा रहा है. बीते 4 दिनों में हजारों नागरिकों जरूरी दस्तावेजों के कार्य रुके हुए हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे प्रगतिशी कार्यों में ब्रेक सा लग गया है. यहां 20 मार्च सोमवार से यह आंदोलन एक नया रूप लेने की जानकारी प्राप्त हुई है. ऐसे में प्रशासन व कर्मचारियों के बीच और भी लड़ाई देखी जा सकती है. लेकिन दोनों के बीच लड़ाई में आम आदमी पीसा जा रहा है.

पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सभी कर्मचारियों का आंदोलन 

देवरी में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर तहसील के सभी विभाग के कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया है. एक ही मिशन पुरानी पेंशन की मांग को लेकर तहसील कार्यालय गूंज उठा. सभी विभाग के कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. सभी कर्मचारी आंदोलन में होने से 4 दिन से सभी कार्यालयों में सन्नाटा छाया है. कर्मचारी आंदोलन में शामिल होने से नागरिकों के काम प्रभावित हो रहे हैं.

शिक्षक संगठन, शिक्षकेतर संगठन, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत समिति विभाग, मुख्याध्यापक संघ, सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग, प्रकल्प विभाग, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आंदोलन में डटे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक आंदोलन में शामिल होने से जिला परिषद की शाला पूरी तरह से बंद पड़ी है. परीक्षा के समय शाला बंद होने से विद्यार्थियों के शिक्षा पर विपरित परिणाम होते दिखाई दे रहा है. इसके अलावा 20 से 25 वर्षों बाद पहली बार सभी शासकीय कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन स्थल पर कर्मचारियों द्वारा विभिन्न प्रकार के नारे लगाए जा रहे हैं. 

आंदोलनकारियों ने पोवाडे गीत गाकर सरकार से लगाई गुहार 

आमगांव में राज्य कर्मचारी केन्द्रीय संघ ने आमगांव तहसील कार्यालय परिसर में 14 मार्च से पुरानी पेंशन योजना व शासकीय कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को पुनः लागू करने का आव्हान किया है.

Strike continues on fourth day regarding old pension

राज्य के 19 लाख सरकारी कर्मचारियों ने एल्गार पुकारा है. राज्य के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. राज्य सरकार कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल जोरदार समर्थन मिल रहा है.  सरकार को सूचित करने के लिए नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, संगठन, प्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से आंदोलन प्रभावी होने लगा है.

प्रिंसिपल फोरम का हड़ताल का समर्थन  

राज्य भर के सरकारी अर्ध-सरकारी शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मी नगर परिषद, वन, राजस्व, स्वास्थ्य, सिंचाई आदि कर्मचारियों ने  एनपीएस को समाप्त करने और पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मुख्य मांग के साथ विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है.

इस हड़ताल को  “राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यापीठ” प्रिंसिपल फोरम संगठना के उपाध्यक्ष प्राचार्य डा. मृत्युंजय सिंह ने हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की. तहसील कार्यालय तिरोड़ा में प्राचार्य डा. सिंह ने धरना स्थल पर जाकर सभी हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात की और कहा कि  हम जो मांग कर रहे हैं वह हमारा संवैधानिक अधिकार है. सार्वजनिक सेवा में शामिल होने से लेकर सेवानिवृत्ति तक की अवधि के दौरान की गई सेवा के मुआवजे के रूप में पेंशन की मांग कर रहे हैं  और हमारा संगठन आंदोलन का समर्थन करता है. 

पुरानी पेंशन के लिए आप का समर्थन 

तिरोड़ा में सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना फिरसे शुरू की जाए इसके लिए आम आदमी पार्टी द्वारा समर्थन घोषित किया गया. पूरानी पेंशन योजना लागू हो इसके लिए लंबी अवधि से पुरे महाराष्ट्र में कर्मचारियों द्वारा मांग की जा रही है लेकिन वह मांग अब तक पुरी नहीं हुई. उसे लेकर राज्य के करीब 17 लाख कर्मचारियों द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया गया है. 

आप के पदाधिकारियों ने आंदोलनरत कर्मियों को  अपना  समर्थन घोषित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में और फिर पंजाब में भी पुरानी पेंशन योजना शुरू कराई है.  इसी तर्ज पर हम चाहते है कि राज्य में भी इस जायज मांग को सरकार पुरा करे. तिरोड़ा शहर सह संयोजक राजेंद्र बोंद्रे, शहर युवा अध्यक्ष प्रकाश चौरे, सह सचिव प्रज्ञानंद वासनिक, रवी मेश्राम, हर्षवर्धन कडव आदि उपस्थित थे.