
गोंदिया . केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को उचित दरों पर गैस कनेक्शन दिए हैं, लेकिन अब गरीब को खाना पकाने के लिए बढ़ती हुई सिलेंडर की कीमत से परेशान होना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं चूल्हे के निकले धुएं से रो रही है उस पर सिलेंडरों की कीमतों ने उन्हें और रुला दिया है. उज्जवला योजना ने गरीबों का केरोसिन व गैस भी छीन लिया है. सरकार की इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को कम दरों पर गैस कनेक्शन प्रदान किए गए.
सिलेंडर की कीमत हुई 880 रुपए
अब सिलेंडर की कीमत में वृद्धि के कारण ईंधन भरने के लिए इसकी कीमत 880 रु. है. ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी कर लोग अपना जीवनयापन करते हैं. उन्हें दो जून की रोटी के लिए परेशान होना पड़ता है. 880 रु. अदा कर सिलेंडर कहां से रिफिल करवाएं ऐसा प्रश्न उनके समक्ष खड़ा हो गया है. उसी प्रकार गैस लेने के बाद उनका केरोसिन बंद हो गया है. अब वापस से खाना बनाने के लिए चूल्हे का सहारा लेना पड़ रहा है.
सरकार ने जिले में बीपीएल और अल्पभूधारक को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन वितरित किए. उसने राशन कार्ड पर गैस की मुहर लगाई और मिट्टी का तेल बंद कर दिया. उज्जवला योजना के बाद जिले के अधिकांश गांव केरोसिन मुक्त हो गए. ग्रामीण क्षेत्रों में केरोसिन उपलब्ध नहीं है.