गोंदिया. ग्रामीण क्षेत्र में अस्पतालों में रिक्त पड़े पदों की वजह से स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह चरमरा गई है. जिले में पिछले 6 वर्ष से 250 पद रिक्त पड़े हुए हैं. जिले में ‘अ’ श्रेणी के स्वास्थ्य अधिकारियों के 71 में से 10, व श्रेणी के 54 से 10 पद रिक्त होने से स्वास्थ्य सेवा पर असर पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े पदों की वजह से चिंता खड़ी हो गई है.
जिला स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य अधिकारी का 1, सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी का 1, अ श्रेणी के 71 स्वास्थ्य अधिकारी, ब श्रेणी के 54 स्वास्थ्य अधिकारी, 17 स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, 44 औषधि निर्माता, 17 प्रयोगशाला वैज्ञानिक, 64 स्वास्थ्य सहायक, 196 स्वास्थ्य सेवक, 40 स्वास्थ्य सहायिका, 366 स्वास्थ्य सेविका, 3 कुष्ठरोग विशेषज्ञ अभी तक नहीं भरे गए 261 पद जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग में पिछले कई वर्ष से 261 पद रिक्त पड़े हुए हैं.
इस वजह से मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है. इसी प्रकार अस्पताल परिसर में गंदगी फैली हुई है. जिले में 40 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 256 उपकेंद्र संचालित हैं. 13 लाख से अधिक आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी इन स्वास्थ्य केंद्रों पर है व 40 स्वच्छता कामगार के अ से ड श्रेणी तक 915 पद मंजूर किए गए हैं. लेकिन प्रत्यक्ष में 654 पद ही भरे गए हैं. 261 पद वर्ष 2016 से रिक्त पड़े हुए हैं.
पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. इस समय कोरोना के नए वैरिएंट का भी खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में प्रशासन के सामने कड़ी चुनौती है.