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    गोंदिया. आमगांव नप क्षेत्र की लगभग 25 हजार आबादी को बनगांव प्रादेशिक ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से जलापूर्ति की जाती है लेकिन नप पर 29 लाख 5 हजार 906 रु. का पानी टैक्स बकाया है. यह राशि विभाग में जमा नहीं कराए जाने से नगर परिषद क्षेत्र में किसी भी समय जलापूर्ति बंद होने का खतरा मंडराने लगा है. इस संबंध में जिप के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अनुसार अगस्त 2022 के अंत तक ही आमगांव नगर परिषद पर 29 लाख 5 हजार 906 रु. का पानी टैक्स बकाया है.

    इनमें नगर परिषद के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्रों के अनुसार देखा जाए तो, आमगांव (गणेशनगर) पर 1 लाख 69 हजार 680 रु., पदमपुर पर 3 लाख 39 हजार 360 रु., रिसामा पर 10 लाख 75 हजार 777 रु., बिरसी पर 1 लाख 69 हजार 680 रु., बनगांव पर 6 लाख 57 हजार 389रु., किडंगीपार पर 2 लाख 81 हजार 920 रु. व  कुंभारटोली पर 2 लाख 12 हजार 100 रु. का पानी टैक्स बकाया है. जबकि इसके बाद सितंबर और अक्टूबर 2022 का टैक्स और जुड़ना बाकी है.

    यदि नगर परिषद व ग्राम पंचायतें जो इस योजना से जुड़ी हुई है, अगर वे समय पर जल कर की राशि नहीं भरेंगी तो, योजना कैसे चलेगी ? ऐसा सवाल किया जा रहा है.  पानी का टैक्स नहीं आने के कारण बिजली का बिल भरने, जल शुद्धिकरण केंद्र के लिए लगनेवाले रसायन की पूर्ति आदि में मुश्किल हो जाता है. अत्यंत कम दरों पर  पेयजल की आपूर्ति किए जाने के बावजूद यदि लाभार्थी जीवनावश्यक वस्तु के लिए भी समय पर टैक्स नहीं भरेंगे तो, योजना संचालित करने में  मुश्किल हो जाएगी. फिलहाल  नप को अगस्त 2022 तक के बकाया का ही बिल दिया गया है. यदि जल्द ही इस बिल का भुगतान नहीं किया गया तो, 1 दिसंबर से नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले सभी उपभोक्ताओं की मजबूरन जलापूर्ति बंद करनी होगी. 

    नियमित टैक्स अदा करें

    जिप जलापूर्ति उपविभाग, देवरी के  शाखा अभियंता के अनुसार   शासन नागरिक को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए कृतसंकल्प है. ऐसे में जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित होनेवाले नागरिक समय पर टैक्स भरे तो ऐसी स्थिति निर्माण ही नहीं होगी. ग्राम पंचायतों व नगर परिषदों को भी जल कर की वसूली व इसे भरने में तत्परता दिखानी होगी अन्यथा मजबूरन योजना से जलापूर्ति बंद करने के सिवाय और कोई उपाय  नहीं रहेगा. जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.