Jarange Patil
मनोज जरांगे पाटिल

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मुंबई: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। जैसा की हम सब जानते है महाराष्ट्र सरकार ने एक विशेष सत्र आयोजित किया और सर्वसम्मति से मराठा समुदाय को 10 टक्के आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लेकिन मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने मांग की है कि जो हम नहीं चाहते वो है आरक्षण दिया जाना। हमें ओबीसी से आरक्षण दिया जाए। इस मुद्दे पर एक बार फिर से मनोज जरांगे ने आंदोलन का हथियार उठा लिया है।

HC का मनोज जरांगे को निर्देश 

ऐसे में अब बोम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने अब मनोज जरांगे पाटिल को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। मनोज जरांगे और मराठा आंदोलनकारी समिति प्रस्तावित आंदोलन कैसे करने जा रहे हैं? क्या वे यह जिम्मेदारी लेंगे कि आंदोलन हिंसक नहीं होगा? क्या आप इसकी जिम्मेदारी लेंगे कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो? ऐसे सवाल हाई कोर्ट द्वारा किये गए है। 

जी हां बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मनोज जरांगे 26 फरवरी तक इन सभी बिंदुओं पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। मनोज जरांगे के वकीलों ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि हमारा विरोध शांतिपूर्ण होगा। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या ये आंदोलन शांति पूर्ण होता है या नहीं।  

कैसा होगा मनोज जरांगे का आंदोलन 

आपको बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को मांग पूरी करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। 24 फरवरी से प्रदेश के हर गांव में एक साथ रस्ता रोको आंदोलन किया जाएगा। मनोज जरांगे ने कहा है कि आंदोलन को हिंसक नहीं होने देना चाहिए। 

इसके बाद 1 मार्च 2024 से राज्य के बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं को आमरण अनशन करना होगा। अगर आंदोलन में किसी की जान जाती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी। एस्डा भी जरांगे ने कहा है। मनोज जरांगे ने कहा है कि 3 मार्च को सभी जिलों की ओर से पूरे राज्य में एक ही जगह पर सड़क जाम किया जायेगा। 

ऐसे में अब देखना होगा कि क्या मराठा आंदोलन की आग फिर से महाराष्ट्र को जलाकर खाक करती है, या फिर जरांगे के अनुसार यह आंदोलन शांतिपूर्ण रूप से होता है।