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    जलगांव : जलगांव (Jalgaon) जिले के ग्रामीण क्षेत्र में लम्पी (Lumpy) का प्रकोप बढ़ रहा है। चालीसगांव (Chalisgaon), भड़गांव (Bhadgaon), पचोरा (Pachora) तहसील के कुछ गांव लम्पी की चपेट में आने के समाचार मिल रहे हैं। इस संबंध में मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि तहसील के कुछ गोवंश लम्पी के चपेट में आ गए हैं। यह भी पता चला है कि जलगांव जिले के सभी 15 तहसीलों में लंपी रोग फैल चुका है। कहा जा रहा है कि पूरे जलगांव जिले में 3 हजार गो वंश को लम्पी ने अपने चपेट में ले लिया है और इस रोग से अब तक 165 गोवंश के पशुओं की मौत हो चुकी है। अब तक 2 लाख, 51 हजार गोवंश को लम्पी का टीका लगाया जा चुका है। पशुपालन विभाग जिले में पशुओं के टीकाकरण के लिए मानव संसाधन की कमी का सामना कर रहा है, इनमें से 3 लाख, 26 हजार, 302 गोवंश का अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है। 

    रावेर, यावल, जामनेर, बोडवड़ तहसील में संक्रमण की दर सबसे अधिक देखी गई है, इसलिए इस तहसील की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। अकेले रावेर तहसील में जलगांव जिले में 800 से अधिक गोवंश लम्पी से प्रभावित बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जामनेर में 682, बोडवड़ में 602, यावल में 554, भुसावल में 331 गोवंश लम्पी वायरस से संक्रमित हुए हैं। जलगांव जिले में लम्पी वैक्सीन का बड़ा स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन मवेशियों का टीकाकरण अपेक्षित गति से नहीं हो पाया है, इस कारण संक्रमण बढ़ रहा है। 

    जिला परिषद के पशुपालन विभाग और राज्य पशुपालन विभाग को उपायों में तेजी लाने की जरूरत है। जिले में कुल गायों की संख्या 5 लाख 77 हजार 302 है। जिले में दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोटरी के साथ सामाजिक संस्थाओं, ग्राम पंचायतों द्वारा पशुओं का टीकाकरण करने की पहल से 4 लाख 57 हजार मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। लेकिन भ्रम की स्थिति है, क्योंकि इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। 

    कागजों पर सरकारी घोषणाएं

    एक तरफ सरकार भारी मदद का ऐलान कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि इन किसानों को एक पैसा भी मदद के तौर पर नहीं मिला है। पता चला है कि पशुपालन विभाग में सरकारी अधिकारी कागज के घोड़े को नाचने से परे चीजों की स्थिति के आधार पर काम नहीं कर रहे हैं। देखने में आ रहा है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी सरकारी नियमों के पीछे छिपकर समय लेने वाली भूमिका निभा रहे हैं। इस संबंध में पशुपालन उपायुक्त और ग्राम पंचायत सीईओ को युद्धस्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है, अन्यथा जलगांव जिले में लम्पी बीमारी से संक्रमित गोवंश पशुओं की संख्या में कमी नहीं आई तो स्थिति और ज्यादा भयावह हो सकती है, इसलिए लम्पी रोग से गोवंश को बचाने के हर संभव प्रयास करने बहुत जरूरी हैं।