
- आर्थिक सहायता के लिए लगाई गुहार
-वाहिद काकर
नंदुरबार. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो (Kilimanjaro) पर खान्देश का बेटा अनिल मानसिंह वसावे (Anil Mansingh Vasave) को 26 जनवरी को तिरंगा झंडा फहराने का अवसर प्राप्त हुआ है। लेकिन वसावे का आर्थिक तंगी के कारण यह सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। अनिल ने सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
360 खोजकर्ताओं तथा एवरेस्ट वीर शिक्षक आनंद बनसोडे की पर्वतारोही मुहिम के लिए आदिवासी बहुल नंदुरबार ज़िले के बालाघाट (Balaghat) जैसे छोटे से गांव में रहने वाले अनिल मानसिंह वसावे का चयन दक्षिण अफ्रीका में पर्वतारोही के रूप में हुआ है।
अगर अनिल वसावे दक्षिण अफ्रीका चले जाता है तो वह यह कीर्तिमान हासिल करने वाला आदिवासी समुदाय का पहला अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही होगा। अनिल के घर की स्थिति बहुत खराब है, पिता किसान हैं, छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है और अनिल स्वयं मोलगी गांव में एक मेडिकल स्टोर पर काम कर परिवार का गुजारा करता है।
आदिवासी बहुला नंदुरबार जिले के अनिल मानसिंह वसावे की अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोहोक मुहीम के लिए चयन,दक्षिण अफ्रिका में जाकर भारतीय तिरंगा फहरायेगा #Maharashtra #Nandurpar #MansinghWasave #Tribal #mountaineer #IndianFlag #FlagHoisting #Goodnews #Honor #Navabharat pic.twitter.com/2lUCElDqk7
— NavaBharat (@enavabharat) December 31, 2020
इस अभियान का खर्च लगभग 3 लाख रुपये है। अनिल यह पैसा जुटा नहीं पा रहा है। इस बात से चिंतित है। अनिल ने जनप्रतिनिधि, समाजसेवक और संगठनों ने से आर्थिक सहायता की गुहार ‘नवभारत’ के माध्यम से लगाई है। अनिल का कहना है कि इस अभियान में सहभागिता दर्ज कर वह खान्देश और आदिवासी समुदाय का नाम रौशन करना चाहता है। दक्षिण अफ्रीका में तिरंगा झंडा फहराने का उसका सपना तभी सच हो सकता है जब प्रशासन और राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और सरकार उसकी आर्थिक सहायता प्रदान करे।
यह ट्रेकिंग अभियान 22 जनवरी 2021 से शुरू होगा। अभियान सात दिनों का है। कार्यक्रम के अनुसार 26 जनवरी को टीम किलिमंजारो के शिखर पर भारतीय तिरंगा झंडा बुलंद कर सलामी देगी। टीम 28 जनवरी को भारत लौटेंगी। अनिल ने ‘नवभारत’ के मध्य से लोगों को सहयोग की अपील की है।