भुसावल : यहां बिना खेती के गैर उपजाऊ प्लॉट (Plot) और जमीन संपत्ती को मिनी भूमि अभिलेख (Land Records) का विभाजन ना करते हुए एक पतसंस्था के कर्ज वसूली अधिकारियों (Debt Recovery Officers) ने बिना मालिकों को बताए जमीन और प्लॉट बेच दिए। इस मामले में 11 लोगों पर शहर पुलिस स्टेशन (City Police Station) में गुन्हा दाखिल किया गया है। इस घटना से पूरे भुसावल तहसील में हडकंप मच गया है।
भुसावल में सक्रिय हुए भू-माफिया
इस मामले में खरीदी बिक्री करने के लिए तहसीलदार के नकदी स्टॅम्प और बोगस हस्ताक्षर किए गए हैं। 2 दिसंबर 2021 से 27 मार्च 2022 के बीच ये व्यव्हार हुआ है। इस दौरान जनकल्याण अर्बन पतसंस्था की स्वामित्व वाले फेकरी इलाके में सर्वे नंबर ¾ में प्लॉट नंबर 1, 4 , 5 , 6 ये प्लॉट संस्था के विशेष वसुली अधिकारी रवींद्र गोपाल धांडे (भुसावल) ने पारस्पारिक बिक्री की दी। इस खरीदी के लिए धांडे ने तहसीलदार के नकली रबरी सिक्के तैयार करके बोगस हस्ताक्षर किए है एसा खुलासा हुआ है। शहर में चर्चा है कि भुसावल में लँड माफिया सक्रीय हो गया है।
सरकार के साथ धोकाधड़ी मामले में धांडे के साथ प्लॉट खरीदने वाले 10 लोगों के विरुद्ध गुन्हा दाखिल कर दिया गया है। 22 दिसंबर 2019 से 28 मार्च 2022 के बीच मनीषा कैलास कोली (फेकरी), राजेंद्र अमृत तायडे (गांधीनगर), उमेश विकास ब-हाटे (फेकरी), दिपाली अनिल सोनवणे (खडका रोड, नेमाडे कॉलनी ), प्रशांत बलीराम पाटील (जगदंबा नगर वरणगाव ), किरण भीमराव तायडे (आंबेडकर नगर, वरणगांव), अक्षय प्रमोद जयस्वाल (बामणोद, यावल), कैलास सुधाकर पाटील (निंभोरा, भुसावल), पुष्पा राजेंद्र मसराम और राजेंद्र रामचंद्र मसराम (फेकरी), इन सभी संदिग्धों ने प्लॉट खरीदे हैं। राजेंद्र गोपाल धांडे (तुळसी नगर, भुसावल) ने इस सभी को कर्जदार मालिकों का बताए बिना प्लॉट बेच दिए थे।