जलगांव जिले में टाइफाइड, मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले, ‘स्वास्थ्य देखभाल समन्वय समिति’ नदारद!

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जलगांव : वर्तमान में शहर सहित जिले में टाइफाइड (Typhoid), मलेरिया (Malaria), सर्दी, खांसी का संक्रमण फैला हुआ है। हर जगह वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) के मरीज भी मिल रहे हैं। निजी अस्पतालों (Hospitals) में सुबह से देर रात तक जांच के लिए मरीजों (Patients) की भीड़ लगी रहती है। राज्य सरकार ने डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, टाइफाइड जैसे संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने और आम नागरिकों को प्रभावी और किफायती स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर एक ‘जिला स्वास्थ्य देखभाल समन्वय समिति’ (District Health Care Coordination Committee) का गठन किया है। 

यह कमेटी कोरोना काल में काम कर रही थी। उस दौरान दो तीन बैठकें हुई। लेकिन कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद इस समिति ने पिछले दो वर्षों में कोई बैठक नहीं की है। जबकि जिले में अन्य रोग लगातार फैलते जा रहे हैं। 

जिला अस्पताल में रोजाना करीब 800 से 1000 मरीजों की जांच के बाद टाइफाइड और मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। वहीं तमाम निजी अस्पतालों में इस तरह की जांच के लिए लंबी कतारें देखने को मिल रही है। खून और पेशाब की जांच के लिए लैब में मरीजों की भीड़ लगी देखी जा रही है। ऐसी स्थिती न केवल जलगांव शहर बल्कि पूरे जिले में देखी जा रही है। 

समिति इस प्रकार है

‘जिला स्वास्थ्य देखभाल समन्वय समिति’ के अध्यक्ष पालक मंत्री, उपाध्यक्ष जिला परिषद अध्यक्ष और महापौर, सदस्य दो सांसद, दो विधायक, निजी क्षेत्र के दस ख्यात चिकित्सक, सार्वजनिक क्षेत्र के 2 गैर सरकारी संगठन, जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी, विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, चिकित्सा सेवा परिमंडल के उप निदेशक, जिला सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, पालक मंत्री द्वारा मनोनीत 2 सदस्य, महानगरपालिका और नगर पालिका स्वास्थ्य अधिकारी, सदस्य सचिव जिला शल्य चिकित्सक। 

समिति के कार्य 

सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के उपायों के संबंध में सरकार को सिफारिश करना, महामारी के प्रसार को रोकने के लिए समय पर निवारक उपाय करना, निदान, उपचार के संबंध में विभिन्न चिकित्सा विभागों के समन्वय से कार्रवाई करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य अस्पतालों और कार्यालयों के कार्यों की समीक्षा करना, स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना, रक्तदान शिविर आयोजित करना, स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों का कार्यान्वयन, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, भारत स्वच्छता मिशन जैसे राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का कार्यान्वयन, स्वास्थ्य संस्थान बॉम्बे नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1949 और अन्य सहायक कानूनों के प्रावधानों का पालन करते हुए निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करना, राजीव गांधी जीवनदायी स्वास्थ्य योजना, निजी अस्पतालों में गरीब नागरिकों के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन को नियंत्रित करना या न करना, स्वास्थ्य संस्थानों को बदलना, चिकित्सा अधिकारियों को अनुबंध के रूप में अस्पतालों में उपलब्ध कराना। वर्तमान में यह समिति अस्तित्व में नहीं होने के कारण यह सभी कार्य नहीं किया जा रहा है। 

जिला स्वास्थ्य देखभाल समन्वय समिति की बैठक जल्द होगी। बैठक के लिए जिला अधिकारी से समय मांगा गया है। गरीब नागरिकों के लिए राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना के कार्यान्वयन की निगरानी जिला स्तर पर की जाती है।

- डॉ. किरण पाटिल, जिला सर्जन, जलगांव।