जलगांव : पिछले दिनों जिला अधिकारी अमन मित्तल (District Officer Aman Mittal) और उनकी टीम ने गिरणा नदी (Girna River) से अवैध रेत खनन (Illegal Sand Mining) करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई (Action) की थी। इस कार्रवाई के बाद अवैध रूप से रेत निकालने वालों पर रोक लगी थी लेकिन पिछले 8 दिनों से फिर से अवैध रूप से रेत का खनन किया जा रहा है। जिले में सितंबर 2022 से बारिश के मौसम तक रेत निकालने पर बंदी लगाई गई है। रेत के ठेकेदार का ठेके का समय भी खत्म हो रहा है। नए ठेके के लिए ई-ऑक्शन नहीं हुआ है। साथ ही ई-ऑक्शन से पहले जिला पर्यावरण ओर प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से 19 अक्टूबर 2022को केवल 10 रेत भंडार की सुनवाई की गई थी।
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल जलगांव विभाग के उपप्रादेशिक अधिकारी अजय चव्हाण ने कहा कि जिला स्तर पर रेत मक्ते की नीलामी प्रक्रिया भी प्रलंबित है। लेकिन फिर भी नदी से रेत का भारी मात्रा में खनन किया जा रहा है। जिले में नदी से रेत निकालने के लिए ई-ऑक्शन के माध्यम से नीलामी की जाती है। लेकिन नए ऑक्शन का निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। इस स्थिति में नदी की गहराई से अवैध रूप से रेत का खनन किया जा रहा है। रात के समय बड़े पैमाने पर अवैध रेत निकासी हो रही है और देखने में आ रहा है कि स्थानीय प्रशासन इसकी अनदेखी कर रहा है।
जल निकायों का स्तर कम होने की संभावना
इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गिरणा, तापी और अन्य नदी घाटियों से बड़े पैमाने पर अवैध रेत निकासी के कारण क्षेत्र के जल स्रोतों का जलस्तर कम होने की संभावना है। कई जगहों की ग्राम पंचायतों ने रेत नीलामी का विरोध किया है, लेकिन इन जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन हो रहा है। तापी नदी के तल में अत्यधिक रेत निकासी के विरोध में ग्रामीणों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। पिछले सप्ताह ही विशेष ग्राम सभा में रावेर तहसील के वढोदा और तांदलवाड़ी की ग्राम सभाओं में रेत नीलामी का पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया गया था। इस क्षेत्र में अधिकांश बोरवेल हैं और उनमें पानी बहुत गहराई में चला गया है। ऐसी संभावना है कि नदी के तल से भारी मात्रा में रेत खनन किए जाने के कारण क्षेत्र में जल स्रोतों का जल स्तर घट गया है और डर है कि तहसील में गर्मियों में यह स्थिति और खराब हो जाएगी।
रेत माफियाओं पर लगाम लगेगी
नागरिकों के रेत खनन और नीलामी के विरोध के कारण अब रेत माफियाओं पर लगाम लगेगी। लेकिन प्रशासन ने अनदेखी की तो नागरिकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। माफिया तस्करी करते हैं और नुकसान आम जनता को होता है। गर्मी के दिनों में पानी की कमी हो जाती है। सैकड़ों बोरवेल में पानी गहराई में चला जाता है। इन समस्याओं पर कौन ध्यान देगा, एसा प्रशन उठाया जा रहा है।