Chhatrapati Sambhajinagar ROAD
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    जलगांव : शहर में सड़कों (Roads) की मरम्मत कछुआ गाति से की जा रही है। अधिकारियों (Officials) की लापरवाही और दो कमिश्नर के विवाद में कही सड़क बनाई जा रही हैं तो कही इंतज़ार करने पर नागरिक (Citizens) मजबूर हैं। योजन के अभाव में महानगरपालिका (Municipal Corporation) की सीमाओं के भीतर सड़क विकास असंतुलन हो गया है। शहर में कई स्थानों पर मुख्य सड़कों का काम किया गया है। लेकिन कई सड़कों पर डामर के बिना गिट्टी की चादर उड़ाई गई है, कहीं डामर है तो खड़ी गायब है।

    शहर में एक दशक के बाद सड़कों का नवीनीकरण कराया जा रहा है लेकिन लोकनिर्माण विभाग की उदासीनता और महानगरपालिका अधिकारियों की मिलीभगत से स्तरहीन निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस पर पार्षद और राजनेता ने चुप्पी साध रखी है। जिला नियोजन मंडल और राज्य सरकार ने नई सड़कों के विकास के लिए करोड़ों रुपए का फंड दिया है। लेकिन निधि खर्च किए जाने के बाद भी देखा जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत की गई, वहां आठ से पंद्रह दिनों में सड़कों की हालत बिगड़ने लगी है स्थिति फिर से जैसी की वैसी ही हो गई है। 

    नरक यात्रा भोग रहे नागरिक! 

    शहर में पिछले दो-तीन साल से हो रही भारी बारिश के कारण सड़कों की हालत दयनीय दशा में है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल अप्रैल में यहां का दौरा किया था। इस दौरान अधिकांश सड़कों की मरम्मत की गई लेकिन देखते ही देखते सड़कों की हालत ख़स्ता ही हो गई। वैकल्पिक रूप से शासन स्तर पर फिर से सड़क मरम्मत के लिए राशि की मांग की गई। पिछले तीन वर्षों में जिला योजना स्तर से आंकड़ों पर नज़र डालें तो महाराष्ट्र शहरी विकास और शहरी गैर-दलित बस्तियों में सुधार योजनाओं के लिए 5387.67 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। 

    सड़कें गड्ढों से भरी हैं

    इसके अनुसार महानगरपालिका प्रशासन को समय-समय पर वर्ष 2020.21 के लिए 2382.97 लाख, 2021.22 के लिए 943.47 लाख और 2022.23 के लिए 398.77 लाख की धनराशि वितरित की जा चुकी है। इसके बावजूद सड़कों की कायाकल्प नही हो सकी है। महानगरपालिका की अधिकांश हिस्सों की सड़कें गड्ढों से भरी पड़ी है। जनसंख्या के विस्तार के साथ ही सड़कों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। शहरी क्षेत्रों में अधिकांश बस्तियों की सड़कों की मरहम पट्टी कर घटिया किस्म की मरम्मत की जा रही है। साथ ही कुछ दिन पहले शहर में सड़कों की मरम्मत के लिए विधायक सुरेश भोले और मंत्री गुलाबराव पाटील के माध्यम से धन राशि उपलब्ध कराई गई है। 

    कई पार्षद मोटी कमाई के चक्कर में ठेकेदार बन गए

    इसके अतिरिक्त शहर विकास और दलित बस्ती सुधार योजना अंतर्गत कार्य भी प्रस्तावित हैं। लेकिन कई जगहों पर स्वीकृत सड़क का काम अभी तक नहीं होने से नागरिकों को परेशानी हो रही है। मोटी कमाई करने के कारण अनेक पार्षद ठेकेदार बन बैठे हैं। जिसके चलते शहर में मरम्मत और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत पर अधिक धम राशि खर्च किया जा रहा है। जिसकी वजह से अधिकारी और पार्षद ठेकेदार मलामाल हो रहे। नागरिकों को खस्ता हालत सड़कों के कारण जर्जर स्थिति में चलने पर विवश होना पड़ रहा है।

    ज्यादातर सड़कों की हालत पहले जैसी ही दयनीय है

    नागरिकों द्वारा महानगरपालिका प्रशासन से मांग किए जाने के बावजूद सड़कों की खराब दशा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने करोड़ो रुपए खर्च किये लेकिन डेढ़ महीने पूर्व महानगरपालिका क्षेत्र में स्टेशन रोड, पुलिस चौकी क्षेत्र के साथ जिला परिषद की ओर जाने वाली सड़क के साथ ही रिंग रोड, गणेश कॉलोनी, कोर्ट चौक, चित्रा चौक जैसे क्षेत्रों की सड़कें, गोलानी मार्केट एरिया, स्वतंत्र चौक, जिला प्रशासन कार्यालय जाने वाली सड़क, आकाशवाणी चौक, काव्य रत्नावली चौक जैसी सड़कों की मरम्मत की गई है। लेकिन अधिकतर सड़कों की हालत पहले जैसी ही दयनीय अवस्था में है, कुछ भी बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। इस संबंध में महानगरपालिका प्रशासन के संबंधित विभाग से जानकारी मांगी गई तो अधिकारियों ने बताया कि राशि की उपलब्धता के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से सड़कों की मरम्मत की जा रही है।