आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत भुसावल संभाग से चार महीने में 92 बच्चों को घर भेजा

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    भुसावल : गुस्से से भरे हुए हैं और कई छोटे और बड़े कारणों से बच्चे (Children) अपने माता-पिता का घर छोड़ (Leaving Home) देते हैं और उनमें से ज्यादातर बच्चे मुंबई जाने के इरादे से घर छोडकर चले जाते हैं। रेलवे सुरक्षा अधिकारी एनजीओ चाइल्ड लाइन (Railway Protection Officer NGO Child Line) और जीआरपी पुलिस (GRP Police) की मदद से ऐसे बच्चों को वापस उनके घर भेजने का बेडा उठाया है। पिछले चार महीनों में आरपीएफ (RPF) ने भुसावल संभाग (Bhusaval Division) से 92 बच्चों को ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ (Operation Little Angel) के तहत उनके माता-पिता से मिला दिया है। 

    आरपीएफ ने ऑपरेशन लिटिल एंजल्स के तहत पिछले चार महीनों में जनवरी से अप्रैल 2022 तक 92 बच्चों को रिहा किया है। इसमें 47 लड़के और 45 लड़कियां शामिल हैं। जैसे ही इन बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया, बच्चों और माता-पिता के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर ऐसा लग रहा था कि मानवता अभी भी जीवित है। 

    मानव तस्करी के खिलाफ एल्गर

    रेलवे ने देश से मानव तस्करी को खत्म करने के लिए एसोसिएशन फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग के साथ एक समझौता किया है। इसे बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है, यह संगठन बच्चों के नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के फाउंडेशन से संबद्ध है। मानव तस्करी पर नकेल कसने के लिए आरपीएफ ने ‘एक्शन अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग’ अभियान भी शुरू किया है। 

    स्टेशन     बॉयज गर्ल्स टोटल

    नासिक     4      5      9

    मनमाड    1      3       4

    जलगाँव    2      4       6

    भुसावल    11    17     28

    बुरहानपुर   2     0      2

    खंडवा      17    11    28

    मलकापुर   7      0     7

    शेगांव      1       1      2

    बडनेरा     2       2      4

    अमरावती   0     1      1

    भुसावल यार्ड 0   1       1