लातूर में चौंकाने वाली घटना आई सामने! पिछडी समुदाय के युवक के मंदिर में प्रवेश करने पर गांव ने किया पुरे समुदाय का बहिष्कार

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    मुंबई : स्वतंत्रता के 75  साल के बाद भी देश में जाती प्रथा ख़त्म नहीं हुई है। आज भी कई जगह किसी समाज को तुच्छ और पिछड़ा समजा जाता है। ऐसा ही एक मामला लातूर जिले के एक गांव से सामने आई है। जहां एक पिछड़ा वर्ग के युवक ने सामुदायिक मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन किए, तब पूरे गांव ने तीन दिनों तक पूरे समुदाय का बहिष्कार कर दिया है। हालांकि, तीन दिन बाद पुलिस ने इस मामले में मध्यस्थता कर निपटारा कर दिया है।  

    यह कर्नाटक सीमा के पास तदमुगली गांव लातूर जिले के निलंगा तालुका में आता है। गांव में तीन दिन पहले उस समय तनाव बढ़ गया था जब एक पिछड़े समुदाय के एक युवक ने मंदिर में प्रवेश किया। बता दें कि, उस गांव में पिछड़े समुदाय के लिए मंदिर के बाहर से दर्शन करने का रिवाज था। लेकिन इस प्रथा को तोड़ने से समाज में दरार पैदा हो गई। जिससे गांव ने पूरे पिछड़े समुदाय का बहिष्कार कर दिया। 

    किराना दुकानें व मिलें बंद 

    इस घटना के बाद गांव के उच्च जातियों के नागरिकों ने इस समुदाय के लिए गांव में किराना की दुकानें व मिलें बंद कर दीं। उन्होंने पिछड़े समुदाय के खेतिहर मजदूरों का आह्वान करना बंद कर दिया। 

    वहीं, इस मामले की सूचना दो दिन के अंदर पुलिस को दी गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए औराद शाहजहानी थाने  की पुलिस ने सबसे पहले गांव में पुलिस घेराबंदी की थी। और सभी से चर्चा कर मामले का निपटारा कर दिया।