udhav thackerey and ajit pawar
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    नयी दिल्ली/मुंबई. आखिर दो सालों के कोरोना संकट के बाद अब महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था (Maharashtra Economy) को फिर से पटरी पर लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में आज यानी शुक्रवार 11 मार्च को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) विधानसभा में (Maharashtra Assembly Session) में महाराष्ट्र का 2022-23 का बजट (Maharashtra Budget) पेश करने जा रहे हैं।

    इस बार बार वे इस बजट मेंकौन-कौन सी नई घोषणाएं करेंगे, इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। बता दें कि महाविकास आघाडी में शिवसेना के करीब 24 विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिकायत की थी कि उन्हें फंड देने में अजित पवार काफी रुकावटें डालते हैं। देखन यह भी है कि इस बजट में अजित पवार उन शिवसेना के विधायकों को संतुष्ट कर पाते हैं कि नहीं।

    इसी क्रम में आज दोपहर 2 बजे अजित पवार विधानसभा में और वित्त राज्यमंत्री शंभुराज देसाई विधानपरिषद में बजट पेश करेंगे। बजट पेश करने से पहले महाराष्ट्र की एक आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट भी पेश की गई। इस रिपोर्ट से यह तथ्य भी सामने आया है कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था कोरोना काल के बाद 12.18 % की गति से आगे बढ़ रही है।

    इसके मुताबिक़, कृषि और संलग्न कार्य क्षेत्र में 4.4 फीसदी, उद्योग में 11.9  फीसदी और सेवा क्षेत्र में 13.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है। पशु संवर्धन में 6.9 फीसदी, वनीकरण में 7.2 फीसदी और मत्स्य व्यवसाय में 1.6 फीसदी की वृद्धि होने का अंदाज व्यक्त किया गया है। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान करीब 14.2 फीसदी रहेगा।

    हालाँकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी हरियाणा, कनार्टक, तेलंगाना और तमिलनाडु के बाद महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है। वहीं साल 2020-21 के दौरान महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय 1.93 लाख रुपए रहने का अनुमान है। जबकि 2019-20 के लिए 1,96,100 रुपए थी। गौरतलब है कि बीते दो साल में कोरोना महामारी की वजह से राज्य की आर्थिक गतिविधियों पर काफी असर पड़ा है। इसका असर प्रति व्यक्ति आय पर भी पड़ा है।

    वहीँ साल 2021-22 के बजटीय अनुमान के अनुसार इस साल 3,68,987 करोड़ रुपए राजस्व मिलने का अंदाज था, जो अब नए सुधारित अंदाज के अनुसार 79,489 करोड़ रुपए कम  यानी 2,89,498 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही आर्थिक सर्वे के मुताबिक़, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.5% (माइनस 11.8% के मुकाबले) और कंस्ट्रक्शन सेक्टर 17.4% (माइनस 14.6%) की दर से बढ़ेगा।

    पता हो कि देश में पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद महाराष्ट्र का यह बजट सामने आ रहा है। इसके साथ ही फिलहाल महापालिका चुनावों को आगे धकेल दिया गया है। लेकिन अब इस बजट पेश होने के आने वाले छह महीने के भीतर ही महा विकास आघाडी सरकार को फिर से चुनावों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में आज सभी कि निगाहें उद्धव सरकार पर रहेगी।