मुंबई. नवभारत एजुकेशन अवार्ड समारोह सोमवार को मुंबई को होटल आर्किड में आयोजित किया गया. समारोह में शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षा संस्थानों एवं शिक्षाविदों को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत एवं राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री अमित देशमुख के हाथों पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि एमआईटी निदेशक राहुल मोरे के साथ नवभारत समूह के मैनेजिंग एडिटर निमिष माहेश्वरी और राज्य भर से आये विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख, अधिकारी, निदेशक उपस्थित थे.
टीकाकरण किए बिना कॉलेज खोलना मुनासिब नहीं-
समारोह को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि राज्य सरकार की योजना कॉलेजों को 50% ऑनलाइन और 50% ऑफलाइन शुरू करने की थी, मगर टास्क फोर्स द्वारा तीसरी लहर की आशंका व्यक्त किए जाने के बाद फिलहाल इस पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों का हवाला देते हुए तीसरी लहर की संभावना जताई है जिसके चलते बिना टीकाकरण किए कॉलेज खोलना मुनासिब नहीं होगा.
कॉलेज जल्द शुरू करने के प्रयास-
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि आने वाले दिनों में शिक्षक-शिक्षिकाओं और गैर शिक्षक स्टाफ के टीके का काम पूरा कर लिया जाए, इस सवाल पर कि राज्य के कई कालेजों में टीचर्स और प्रिंसिपल के पद रिक्त हैं और अभी तक उन्हें भरने की परमिशन सरकार से नहीं मिल रही है, सामंत ने कहा कि इसके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा. उन्होंने माना कि कोरोना काल में क्वालिटी एजुकेशन में कमी आई है और इसीलिए सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द कॉलेज शुरू किए जाएं. उदय सामंत का ट्वीट-
आज मुंबई येथे @enavabharat समूहाकडून शिक्षण क्षेत्रात उत्तम काम करणाऱ्या व्यक्ती आणि संस्थांना ‘नवभारत एज्युकेशन अवॉर्ड २०२१’ पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्यात आले. यावेळी, संचालक निमिष माहेश्वरी, प्रा.राहुल मोरे, पुरस्कारार्थी, पत्रकार व संबंधित उपस्थित होते. pic.twitter.com/9iLgLkLvwS
— Uday Samant (@samant_uday) August 30, 2021
अवार्ड समारोह में आये दिग्गजों ने एक पैनल डिस्कशन में शिक्षा जगत में व्याप्त चुनौतियों पर चर्चा की.
एजुकेशन एक्जिबिशन आयोजित करेंगे-
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शैक्षिक क्षेत्र की ताकत बहुत बड़ी है और हमारे विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों ने आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू करने में एक बड़ी पहल की है. हम देश और दुनिया के लिए अपनी शैक्षिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली में अपनी पहली बड़ी एजुकेशन एक्जिबिशन आयोजित करेंगे. बाद में यह प्रदर्शनी हैदराबाद, चेन्नई के साथ-साथ मुंबई में आयोजित की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने नवभारत के मैनेजिंग एडिटर निमिष माहेश्वरी से शैक्षणिक संस्थानों को प्रोत्साहित करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की और भविष्य में ऐसा ही करते रहने का आह्वान किया. सामंत ने यह भी सुझाव दिया कि सरकारी तकनीकी निकायों के लॉ कॉलेजों को भी अगले पुरस्कार में शामिल किया जाना चाहिए जिसका शिक्षाविदों ने स्वागत किया. उन्होंने संस्थान संचालकों से अपील की कि वे अपने किसी भी नए प्रस्ताव को सीधे मेरे पास लाएं क्योंकि उनसे मिलने के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है.
राज्य के शिक्षा क्षेत्र में होंगे रिफॉर्म: अमित देशमुख
एजुकेशन अवार्ड समारोह के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि एजुकेशन सेक्टर में लगातार रिफॉर्म के लिए सरकार प्रयास कर रही है.
अवार्ड से सम्मानित दिग्गजों को देशमुख ने राज्य का ब्रांड अम्बेसडर करार दिया और कहा कि इन हस्तियों ने राज्य और देश को विकास को और भी आगे ले जाने का काम किया है. इनके अच्छे कार्यो से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है.
देशमुख ने यह कहा कि राज्य सरकार राज्य में मेडिकल एजुकेशन सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेगी और इसके लिए शीघ्र ही एक नीति बनाने पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा जिसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर नए कॉलेज खोलने और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि शिक्षा क्षेत्र में काफी सुधार की जरूरत है और उसके लिए सभी पक्षों को मिलकर प्रयास करना होगा. उन्होंने नवभारत की इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जिला परिषद से लेकर विश्विद्यालय तक अच्छे काम करने वाले लोगों का सम्मान किया जाना अभिनंदनीय है.
हम किसी से कम नहीं- राहुल मोरे
एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर राहुल मोरे ने कहा कि वर्तमान कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा क्षेत्र को कई आधुनिक तकनीक को आत्मसात करना पड़ा. उन्होंने कहा कि हम कई अन्य क्षेत्रों की तरह शिक्षा में भी काफी आगे हैं और विदेशों की बड़ी बड़ी शैक्षणिक संस्थानों से किसी भी मायने में पीछे नहीं हैं. एक समय ऐसा था कि जर्मन विश्वविद्यालयों का दुनिया पर राज था और बाद में इंग्लैंड फिर अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने अपना वर्चस्व जमाया। अब समय आ गया है कि हम अपने विश्वविद्यालयों को उस स्थान पर ले जाएं.