Maharashtra Government, Eknath Shinde,
महाराष्ट्र सरकार (फ़ाइल फोटो)

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महाराष्ट्र: अक्सर कई विद्वानों की मुंह से आपने सुना होगा कि देश का विकास करना है तो शिक्षा (Education) और स्वास्थ्य (Health) मुफ्त कर देना चाहिए। अब इसी राह पर देश में कई राज्य की सरकार निकल पड़ी है। जैसा कि आप जानते है महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) राज्य में शेड्यूल कास्ट (SC) के छात्रों की पूरी फीस का भुगतान कर रही है। ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि OBC और EWS (Economically Weaker Section) की लड़कियों के पढ़ाई (Education) की महाराष्ट्र सरकार पूरी फीस देगी। आइए जानते पूरी जानकारी विस्तार से… 

सरकार का बड़ा फैसला 

सामने आ रही महत्वपूर्ण जानकारी के मुताबिक, आरक्षण और सुविधाओं को लेकर सरकार की मराठा उपसमिति की बैठक में अहम फैसला लिया गया कि अब ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग की लड़कियों की सभी कोर्सेज की पूरी पढ़ाई की फीस सरकार भरेगी।

कैबिनेट में मंजूरी 

बता दें कि यह प्रस्ताव मराठा आरक्षण उप-समिति की बैठक में पेश किया गया और जल्द ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र की लाखों ओबीसी और ईडब्ल्यूएस लड़कियों को इसका फायदा होगा। गौरतलब हो कि फिलहाल सरकार ओबीसी छात्रों की आधी फीस भरती है।

आगामी सत्र में महत्वपूर्ण चर्चा 

अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो इसका लाभ ओबीसी और ईडब्ल्यूएस लड़कियों को होगा और ये बच्चियां भी पड़ पाएगी। इसके अलावा, मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बताया है कि पिछले तीन वर्षों की फीस की प्रतिपूर्ति के संबंध में आगामी सत्र में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।

अब पढाई के लिए नहीं होगी आत्महत्या 

गौरतलब हो कि मराठवाड़ा की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके पास कॉलेज की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। फिर यह मामला सामने आया। बता दें कि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक रुख अपनाया और मराठा आरक्षण उप-समिति की बैठक में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग की लड़कियों के लिए सभी पाठ्यक्रमों की पूरी फीस पर निर्णय लेने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। 

Maharashtra Government

लगेंगे 1 हजार करोड़ रूपये 

ऐसे में अब इसके बाद कल हुई उपसमिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह भी समझा जा रहा है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजे जाने के बाद 642 पाठ्यक्रमों के लिए 1 हजार करोड़ का नए सिरे से प्रावधान करना होगा। ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्या यह प्रस्ताव मंजूर होता हैं या नहीं।