Maratha Protester and Shard Pawar
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मुंबई/जालना. महाराष्ट्र (Maharashtr) के जालना (Jalna) में पुलिस ने मराठा प्रदर्शनकारियों पर शुक्रवार को लाठीचार्ज कर दिया है, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। जबकि प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी और पुलिस पर पत्थरबाजी करने की बात भी सामने आई है। यह घटना अंतरवाली सराटी गांव की है, जहां मराठा आक्रोश मोर्चा का आरक्षण के लिए भूख हड़ताल शुरू थी। इस घटना से जिले में तनाव की स्थिति है। भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

दरअसल, मंगलवार (29 अगस्त) से मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जारांगे समेत 10 लोग आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके समर्थन में कई कार्यकर्ता मौजूद थे। भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों के स्वास्थ्य के बिगड़ने की आशंका थी। इसलिए पुलिस ने भूख हड़ताल को बढ़ने से रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इसका विरोध किया। तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।वहीं, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की और हमलावरों पर लाठीचार्ज किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसके लिए राज्य के गृह विभाग को जिम्मेदार ठहराया। पवार ने कहा, “मुझे जालना से कुछ लोगों के फोन आए और उन्होंने मुझे बताया कि वहां क्या हुआ था। मनोज जारांगे और उनके साथी भूख हड़ताल पर थे। पुलिस ने उनसे चर्चा की। उस चर्चा में सब कुछ शांति से जारी था। हालांकि, चर्चा के बाद पुलिस बल का उपयोग करके उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया गया।”

उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों पर भारी लाठीचार्ज किया गया। वास्तव में, एक बार चर्चा हो जाने के बाद लाठीचार्ज या बल प्रयोग की कोई आवश्यकता नहीं थी। हालांकि, अगर ऐसे सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के पास कोई सवाल है और जवाब नहीं मिलने पर वे सड़कों पर उतरते हैं, तो राज्य के गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को उनके खिलाफ बल प्रयोग करने का निर्देश देना चाहिए।”

शरद पवार ने आगे कहा, ”राज्य के गृह मंत्री के मन में कुछ तत्वों के बारे में जो भावना है, वह पुलिस के कार्यों से व्यक्त होती है। ये तस्वीर जालन में नजर आ रही है। इसके लिए क्या पुलिस दोषी है? पुलिस को ऊपर से ऐसे निर्देश मिले और कार्रवाई की गई। इससे पुलिस और युवाओं के बीच अनावश्यक कटुता पैदा हो गई। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और गृह मामलों के लिए जिम्मेदार लोगों की है।”

एनसीपी प्रमुख ने कहा, “मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। अगर इसे नहीं रोका गया तो मुझे वहां जाकर उन लोगों को आश्वस्त करना पड़ेगा। साथ ही इन लोगों को बचाने के लिए भी कदम उठाने होंगे। पुलिस ने चर्चा की और फिर लाठीचार्ज कर दिया। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह एक अमानवीय हमला है।”