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    मुंबई: बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai App Case) कथित तौर पर बनाने वाले नीरज बिश्नोई (Niraj Bishnoi) ने एक सह-अभियुक्त को 100 प्रसिद्ध ‘गैर-भाजपाई’ मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें भेजने को कहा था, ताकि उन्हें नीलामी के लिये रखा जा सके। यह जानकारी मुंबई पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है। 

    मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने उपगरीय बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पिछले सप्ताह 2000-पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। पुलिस ने इस मामले में अभी तक छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

    गिरफ्तार आरोपियों में से एक नीरज सिंह के बयान का हवाला देते हुए पुलिस ने दावा किया है कि जून 2020 में विश्नोई ने सिंह को कहा था कि वह सोशल मीडिया ग्रुप पर कुछ बड़ा ‘धमाका’ करने की योजना बना रहा है।  बिश्नोई ने तब ग्रुप के सदस्यों से कहा था कि वे भारत में गैर-भाजपाई 100 मशहूर महिलाओं की तस्वीर ग्रुप में भेजे। उसके बाद उसे कई महिलाओं के ट्विटर हैंडल के लिंक और स्क्रीनशॉट भेजे गये थे।

    आरोप-पत्र के अनुसार, बिश्नोई ने उनलोगों को कहा था कि कुछ दिनों के बाद एप्लीकेशन या ऐप तैयार हो जाएगा और कोई भी व्यक्ति उसे कॉपी या क्रैक नहीं कर सकेगा। आरोप-पत्र में कहा गया है कि दो या तीन दिन के बाद सिंह को सोशल मीडिया से पता चला कि ऐप बनाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है, तब उसने ग्रुप के सभी सदस्यों को अपने ट्विटर अकाउंट और पोस्ट डिलीट करने को कहा था तथा कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दी थी। 

    पुलिस ने आरोप लगाया है कि आरोपियों को सोशल मीडिया पर तथाकथित नीलामी की बात फैलाने की सलाह दी गयी थी। पुलिस का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए की गयी थी और अभियुक्तों की समय पर गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था की उत्पन्न होने वाली समस्याओं को बचा लिया गया था। 

    आरोप-पत्र में कहा गया है कि यद्यपि ऐसी कोई नीलामी या बिक्री नहीं हुई थी और ऐसा प्रतीत होता है कि इसका उद्देश्य कुछ महिलाओं को डराना या अपमानित करना था। इन महिलाओं में से कई सक्रिय सोशल मीडिया यूजर थीं। (एजेंसी)