- अनुभवी डॉक्टर करेंगे टेली कंसल्ट
- बड़े अस्पतालों से बोझ होगा कम
मुंबई: मुंबईकरों को अब बड़े अस्पताल जैसे केईएम, सायन, नायर और कूपर अस्पताल के चक्कर काटने की आवश्यकता बेहद कम हो जाएगी, क्योंकि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बजट में 100 हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे हेल्थ केयर सेंटर शुरू करने की घोषणा की है। बीएमसी के 4 प्रमुख अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का बोझ बढ़ता जा रहा है। छोटी समस्याओं के लिए भी मरीजों को बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिसके चलते इन अस्पतालों में हद्द से ज्यादा भीड़ होती है। यही कारण है कि इलाज के गुणवत्ता में कमी और स्वास्थ्यकर्मियों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यह समस्या कई वर्षों से बरकरा है, इसी के मद्देनजर बीएमसी ने अपने डिस्पेंसरी को ही सशक्त करने का निर्णय लिया है।
अतिरिक्त बीएमसी कमिश्नर सुरेश काकानी ने बताया कि बीएमसी के कुछ डिस्पेंसरी को एचबीटी केंद्र में तब्दील करने और कुछ नए केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। इन केंद्रों में 139 प्रकार के टेस्ट जिसमें एक्स-रे, सीटी स्कैन और मैमोग्राफी जैसे जांच बड़ी जांच भी की जाएगी। वर्तमान में उक्त जांच के लिए मरीजों को उपनगरीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का चक्कर लगाना पड़ता है।
बीएमसी करेगी निजी लैब के साथ करार
बीएमसी निजी लैब के साथ करार करेगी, जिससे घर के समीप ही जांच हो जाएगा वो किफायती दरों में। इन केंद्रों की विशेषता यह होगी कि इसमें केईएम, सायन, नायर और कूपर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के अनुभवी डॉक्टर टेली कंसल्टिंग करेंगे। मतलब जिन डॉक्टरों से परामर्श के लिए मरीज बड़े अस्पतालों की भागदौड़ करते हैं, अब वो खुद उन्हे ऑनलाइन कंसल्ट करेंगे। मरीज के समय और पैसे की बचत तो होगी ही साथ ही में बड़े अस्पतालों से भी मरीजों की बढ़ती भीड़ का भार कम होगा।
मरीजों को मिलेगी राहत
नतीजतन मरीज को क्वालिटी उपचार मिलेगा। बीएमसी ने दूसरे चरण में 100 और एचबीटी केंद्रों की शुरुआत करने का उल्लेख किया है। बीएमसी ने बजट में उक्त केंद्रों के लिए वर्ष 2022-23 में 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। बीएमसी अस्पतालों के पूर्व निदेशक डॉ. अविनाश सूपे ने कहा कि इस केंद्र न केवल मरीजों की समस्या कम होगी, बल्कि अस्पतालों पर बढ़ रहे बोझ से भी काफी हद्द तक राहत मिलेगी।