Bhayandar Crime

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    -अनिल चौहान

    भायंदर: वसई (Vasai) में दवाखाना चला रहे हेमंत पाटिल  (Hemant Patil) उर्फ सोनवणे के फर्जी एमबीबीएस, एमएस (Fake MBBS, MS) होने के खुलासे के बाद उसके खिलाफ अपराध दर्ज (Crime Registered) होने का सिलसिला जारी है। अब मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) ने उसके खिलाफ डॉक्टर न होते हुए भी डॉक्टर (Doctor) की नौकरी हथियाने (धोखाधड़ी) का मामला दर्ज कराया है। आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।

    आरोप है कि साल 2020 में कोरोना की पहली लहर में हेमंत पाटिल खुद को एमबीबीएस बताकर मीरा-भायंदर महानगरपालिका की अस्थाई नौकरी प्राप्त कर ली थी, लेकिन प्रैक्टिस के लिए अनिवार्य महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल की तरफ से जारी होने वाली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट उसने नही दी।इस दौरान उस पर मरीज कल्याण समिति की सदस्या के साथ छेड़खानी का आरोप लगा।उसके बाद उसे नौकरी से हटा दिया गया।

    कई पुलिस स्टेशन में दर्ज है केस

    फर्जी डॉक्टर होने के खुलासे के बाद भायंदर थाने में पहले उसके खिलाफ छेड़खानी और अब फर्जी डॉक्टर होते हुए भी डॉक्टर की नौकरी हथियाने का मामला दर्ज कराया गया है। इससे पहले उसके खिलाफ भंडारा में 2,वसई में 2 और  अमरावती में 1 मामला दर्ज था। खबरों पर यकीन करें तो अमरावती में वह 9 माह जेल में बंद था और पांच शादी रचा चुका है।

    2018 में वसई में शुरु किया था दवाखाना 

    उल्लेखनीय है कि आरोपी हेमंत पाटिल साल 2018 में वसई के  पारनाका में अस्थि रोग विशेषज्ञ (ऑर्थोपेडिक सर्जन) का दवाखाना शुरू किया था। इसके अलावा वह वसई-विरार के बड़े-बड़े अस्पतालों में ऑपरेशन भी करता था। इस बीच,  एक लड़की को लेकर वह लापता हो गया। पूर्व में उससे इलाज कराए 9 लोग अपाहिज हो चुके थे। उसकी इन करतूतों को देखते हुए एक डॉक्टर को  उसके फर्जी होने का शक हुआ। इसकी शिकायत जब वसई-विरार महानगरपालिका के पास पहुंची तो पहले टालमटोल की गई, लेकिन एक पत्रकार के दबाव बनाने पर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। तब से एक-एक कर खुलासे और मामले दर्ज हो रहे हैं।