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मुंबई: शहर में अनधिकृत फेरीवालों के खिलाफ बीएमसी प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करने की रणनीति बनाई है। फिलहाल बीएमसी के पास श्रमबल कम है, इसलिए फेरीवालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए किराए पर कामगार नियुक्त करने का  निर्णय लिया गया है। भविष्य में मुंबई में अनधिकृत फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई तेज होने की संभावना है। अनाधिकृत फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुबंध के आधार पर विभागवार कर्मचारी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए मैनपावर उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं से मनपा ने आवेदन मांगे हैं। 

कई शिकायतें बीएमसी को मिली 

अनधिकृत फेरीवालों को लेकर कई शिकायतें बीएमसी को मिली हैं। संज्ञान में आया है कि बीएमसी के पास फेरीवालों के अतिक्रमण को हटाने के लिए पर्याप्त सिस्टम और मैनपावर नहीं है।  इसलिए मनपा ने अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के लिए विभागीय स्तर पर ठेका कर्मचारी और कुछ गाड़ियां लगाने का निर्णय लिया है। मुंबई शहर और उपनगरों, विशेषकर रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अनधिकृत फेरीवालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। दूसरी ओर झोपड़ियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बीएमसी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए ठेका कामगारों के साथ-साथ जब्त सामानों को गोदाम तक ले जाने के लिए ट्रक किराए पर लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभागवार टेंडर प्रक्रिया पर अमल किया जा रहा है। विभिन्न गैर सरकारी संगठनों,निजी संगठनों, सहकारी संगठनों से कामगार उपलब्ध कराने के आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। 

एक लाख से अधिक फेरीवालो का छिन सकता रोजगार 

बीएमसी द्वारा हाल में जारी की गई सूची में 32 हजार 407 फेरीवालों को पात्र माना गया है, जबकि 96 हजार 37 फेरीवालों को अपात्र ठहरा दिया गया है। इस लिहाज से एक लाख से अधिक फेरीवालो का रोजगार छिन सकता है। उनका रोजगार छिनने पर पांच लाख लोगों पर भुखमरी की समस्या खड़ी होने का खतरा मंडराने लगा है। आरोप लग रहे हैं कि इस सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। इस सूची को लेकर हॉकर्स यूनियनों में पहले से ही असंतोष है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लाखों फेरीवालों को ऋण दिया गया है।