Ajit Pawar
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार

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मुंबई: महायुति सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) गुट के विधायक पर्याप्त फंड नहीं मिलने से नाराज़ बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक़ हाल ही में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान अजित ने अपनी इस शिकायत से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को अवगत कराया है। ऐसी रिपोर्ट है कि महायुति सरकार में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने अजित पवार के फैसलों पर खास नज़र रखनी शुरू कर दी है।  जिस तरह से  छोटे पवार ने सीएम वार रूम समेत अन्य अहम विभागों की मीटिंग लेनी शुरू कर दी थी। उससे सीएम शिंदे को भी खतरा महसूस हो रहा था। ऐसे में डेंगू से पीड़ित होने के बावजूद अजित ने अपने साथी नेताओं के साथ दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शाह से मुलाकात के साथ अपनी मांगों की लिस्ट थमा दी है। जिसमें आजादी से काम करने की मांग को लेकर उनके गुट के विधायकों (MLAs) को पर्याप्त फंड (fund) देने की बात कही गई है। 

वडेट्टीवार ने रगड़ा नमक
अजित पवार के विधायकों के नाराज़ होने की खबर पर विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार ने डिप्टी सीएम के जख्मों पर नमक रगड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार में बतौर वित्त मंत्री अजित पवार दादागिरी से काम करते हुए पूरी तिजोरी साफ़ कर देते थे। लेकिन अब महायुति सरकार में उन्हें क्यों केंद्रीय मंत्री अमित शाह के सामने जाकर मिन्नतें करनी पड़ रही है। आज अजित पवार की महायुति सरकार में दादागिरी क्यों नहीं चल रही है। नेता विपक्ष ने कहा कि बतौर वित्त मंत्री, तिजोरी की चाबी अजित पवार के पास है। फिर उन्हें क्यों दिल्ली जाकर शिकायत करनी पड़ रही है। आज दादा अपनी दादागिरी क्यों नहीं दिखा रहे हैं। 

अजित के लिए कमल चिन्ह के अलावा विकल्प नहीं
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आज महायुति में अजित पवार की स्थिति है, उसे देख कर लगता है कि आगामी चुनाव में उनके पास बीजेपी के कमल चुनाव चिन्ह से लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। चेहरे से दिख रहा है अजित दादा कितने परेशान हैं। इस पूरे मामले पर शरद पवार गुट के नेता और विधायक रोहित पवार ने कहा है कि डिप्टी सीएम अजित पवार के चेहरे को देखने से यह साफ़ पता चल रहा है कि वे महायुति सरकार में कितने परेशान हैं। बीजेपी की आदत है कि वे दूसरे दलों से नेताओं को तोड़ने के लिए झूठे वादे करते हैं और बाद में उन्हें पूरा नहीं करते हैं। हम सभी का मानना है कि बीजेपी ने अजित पवार को लेकर भी यही किया है। भाजपा द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होने से डिप्टी सीएम के साथ गए विधायकों में नाराजगी है। 

स्वाभिमान गिरवी रखने जैसा
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता, संजय राउत ने कहा, अजीत पवार डेंगू से बीमार थे, लेकिन फिर भी उन्हें  उन्हें दिल्ली में अमित शाह से मिलने के लिए जाना पड़ा। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मराठों की ओर से अपना स्वाभिमान गिरवी रखकर दिल्ली का गुलाम बनने जैसा है।