Aniruddh Singh

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  • अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद हुआ फरार
  • केंद्रीय मंत्री के कार्यालय से भी मुंबई पुलिस कमिश्नर को भेजी गई शिकायत
  • अनिरुद्ध सिंह इन्फास्ट्रक्चर के मालिक पर मशीन बेचने के नाम पर की लाखो की ठगी

सुधीर शुक्ला@नवभारत नेटवर्क
HDD Machine: एक ऐसा ठग जिसने ने सिर्फ़ एचडीडी मशीन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की है। बल्कि उसने केंद्रीय जल मंत्री (Union Minister) राजेंद्र सिंह (Rajendra singh) ने मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फड़सलगीकर को अति गोपनीय ख़त लिख कर उस जालसाज के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। राजेंद्र ने अपनी शिकायत में लिखा है कि जालसाज अनिरुद्ध सिंह (Aniruddh Singh) ने उनके नाम का गलत इस्तेमाल जालसाजी के लिए किया है। हालांकि नवी मुंबई के नेरुल पुलिस स्टेशन (Nerul Police Station) में अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ़ धोखाधड़ी की शिकायत पहले ही दर्ज की जा चुकी है। अनिरुद्ध की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट से ख़ारिज हो जाने के बाद से वो फरार बताया जा रहा है। 

केंद्रीय जल मंत्री के नाम का गलत इस्तेमाल
अनिरुद्ध सिंह को एचडीडी मशीन के नाम पर लाखों की ठगी करनी थी। अपने शिकार को विश्वास में लेने के लिए उसने केन्द्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह के नाम का बखूबी इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि जब मंत्री को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने अपने लेटर हेड पर मुंबई पुलिस कमिश्नर को गोपनीय ख़त लिख कर आरोपी के खिलाफ़ कार्रवाई करने को कहा है। 

 
पीड़ित विजय कुमार सिंह जो एचडीडी मशीन खरीदने के लिए ढूंढ रहे थे। जावेल ओझा जो अहमदाबाद में एचडीडी मशीन का ब्रोकर है। उसने विजय को बताया कि मेरे मित्र है। हेमक्षिबा डोडिया और अनिरुद्ध डोडिया हैं। जो अनिरुद्ध सिंह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के मालिक है। उनकी बहुत बड़ी कंपनी है। इनके पास बड़ी बड़ी मशीने है। बहुत रईस लोग है इनका एक मशीन बिल्कुल चालू कंडीशन में है और बेचना चाहते हैं। ओझा ने दावा किया कि आप आज ही अहमदाबाद आ जाएँ कम्पलीट सेट ट्रक के साथ ये 48 लाख मांग रहे है। आप मशीन लेकर जाओ उसकी कंडीशन ऐसी है कि रोज़ 400-500 मीटर काम करोगे। 
विजय सिंह ने अपने एक साथी को लेकर उसी दिन फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंच गए। वहाँ उन्हें सुनील पाठक नाम का व्यक्ति मिला। सुनील ने विजय को कहा आज यहीं होटल में रुक जाओ कल सुबह मशीन दिखाएंगे। विजय को अगले दिन 12 बजे मशीन दिखाया गया। जो स्टार्ट नहीं हो रहा था। उसका ज्यादातर सामान नहीं था। दूसरी बैटरी डाल कर मशीन को स्टार्ट कर दिया मगर बाकी सामान नही होने के कारण ट्रायल नहीं करवाया गया था। 

उसी दिन 1.30 बजे अनिरुद्ध विजय से मिला। उसे एक होटल में ले गया और लिख कर लिया कि मै 15 कैश लूंगा और 30 अकाउंट में लूँगा। मशीन का सारा सामान दूसरे गाड़ी में रखा हुआ है। आपको ट्रक में रखकर देता हूँ। विजय ने उसी जगह 1 लाख विजय सिंह ने एडवांस दिया और बाकी का पेमेंट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। तब अनिरुद्ध अपने पार्टनर और ब्रोकर से बोला कि अकाउंट में पेमेंट आ गया है। कैश के लिए लड़का को इनके ऑफिस में भेज दिया है। शिकायत करता के अनुसार मुझें 3-4घंटे वहीं पर बैठाये रहा, फिर ज़ब कैश भी मिल गया तो बोला कि आज वर्कर्स छुट्टी पर गए है। कल सुबह मशीन और सारा सामान लेकर जाओ आज होटल में रुक जाओ। 

पीड़ित विजय की जुबानी
पीड़ित ने बताया अगले दिन मैं रुक गया। वो अहमदाबाद से वडोदरा भाग गया और मोबाइल बंद कर लिया। 13.03 को 12 बजे सुनील पाठक ने फोन किया और बोला कि सेठ का फोन बंद आ रहा है मैं कुछ नहीं कर सकता। फिर उसने हेमक्षिबा को फोन लगाया तो उसने पाठक को बोली कि उसको बोलो जाने के लिए और कल मशीन भेज देंगें। अगले 2 दिन भी मशीन नहीं भेजा, तीसरे दिन ख़राब मशीन और आधे पार्ट्स के साथ अपने ट्रांसपोर्टर से खुद के नाम का और खुद के साइट का पता लिखकर मशीन नवी मुंबई के मेरे पते पर भेज दिया। जिसके बाद जालसाजों की तिकड़ी ने विजय का फ़ोन भी उठाना बंद कर दिया था। 

अनिरुद्ध सिंह का जालसाजी का दावा
अनिरुद्ध ने बताया कि उसका भाई गुजरात पोलिस में बड़ा अधिकारी है। केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह का उनका करीबी रिश्ता है। नवी मुंबई के नेरुल पुलिस स्टेशन में धमकी देने केंद्रीय मंत्री का नाम पर भरोसे में आपराधिक हनन करने, धारा 406,420, 409, 506 R/w 34 के तहत ऍफ़आईआर दर्ज है। जिला एवं सत्र न्यायलय बेलापुर कोर्ट ने उसकी अग्रीम जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए कस्टोड़ीयल इंटेरोगेशन का आदेश दिया है। जिसके बाद से शातिर ठगों की तिकड़ी फरार बताई जा रही है।