उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे (डिजाइन फोटो)
उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे (डिजाइन फोटो)

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शिरडी: आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर महाराष्ट्र में सियासी (Maharashtra Politics) माहौल  गरमा रहा है। इस बीच शिरडी में शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट (Shiv Sena Uddhav Thackeray Group) को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि श्रीरामपुर के पूर्व विधायक भाऊसाहेब कांबले (Bhausaheb Kamble) शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। गुरुवार (21 तारीख) देर रात मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) की मौजूदगी में प्रवेश समारोह आयोजित किया गया। ऐसे में अब यह शिवसेना ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। 

2019 में कांग्रेस 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भाऊसाहेब कांबले ने 2019 में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी हार हुई थी। फिर इसके बाद कांबले शिवसेना में शामिल हो गए और उन्हें श्रीरामपुर विधानसभा का टिकट मिल गया।  हालांकि, विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा। 

Bhausaheb Kamble
भाऊसाहेब कांबले शिंदे गुट में शामिल (डिजाइन फोटो)

इसलिए छोड़ा उद्धव का साथ 

ऐसे में अब भाऊसाहेब कांबले को उम्मीद थी कि उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव 2024) में ठाकरे समूह से नामांकन मिलेगा। हालांकि, जब उद्धव ठाकरे ने भाऊसाहेब वाकचौरे को पार्टी में वापस लौटाया तो कांबले नाराज हो गए। कुछ दिनों से चर्चा चल रही थी कि वह जल्द ही शिंदे गुट में शामिल होंगे। ऐसे में अब वह खबर सच साबित हुई। नामांकन नहीं मिलने से  भाऊसाहेब कांबले नाराज हो गए और शिव सेना उद्धव ठाकरे पार्टी को छोड़ दिया। 

ठाकरे गुट में तनाव 

बता दें कि गुरुवार को कांबले अपने कार्यकर्ताओं के साथ सीधे मुंबई पहुंचे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इसके बाद वह आधिकारिक तौर पर शिंदे की पार्टी शिवसेना में शामिल हो गये। लोकसभा चुनाव की आहट के बीच पूर्व विधायक की शिंदे गुट में एंट्री से शिरडी में ठाकरे गुट की टेंशन बढ़ गई है। 

Bhausaheb Kamble
भाऊसाहेब कांबले शिंदे गुट में शामिल (डिजाइन फोटो)

किसे मिलेगी उम्मीदवारी?

जानकारी के लिए आपको बता दें कि शिरडी लोकसभा सीट फिलहाल शिवसेना के कब्जे में है और शिंदे गुट के सदाशिव लोखंडे यहां के सांसद हैं।  हालांकि, इस बार के चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं? इसे लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।  क्योंकि बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि यहां से किसे उम्मीदवारी मिलती है। 

उम्मीदवारी की रेस में ये नेता 

इन सबके अलावा आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की दिलचस्पी महायुति की ओर से शिरडी लोकसभा में है। बीजेपी के नितिन उडमाले ने भी पार्टी से नामांकन मांगा है। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे, राजेंद्र वाघमारे महाविकास अघाड़ी से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इसलिए उम्मीदवारी किसे मिलेगी ये देखना अहम होगा। फ़िलहाल भाऊसाहेब कांबले पार्टी छोड़कर जाना ठाकरे गुट के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।