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मुंबई: मुंबई (Mumbai) समेत देश भर के कई शहरों में इस समय वायु प्रदूषण (Air Pollution) का खतरनाक साया मंडरा रहा है। यह समस्या के रूप में सरकार और आम लोगों के सामने मौजूद है। मुंबई में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए महानगरपालिका (BMC) ने प्रयास भी किया है। लेकिन उसके बावजूद वायु की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। मुंबई शहर में बीती रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 123 पर दर्ज किया गया। दिवाली के बाद वायु के गुणवत्ता में कुछ सुधार देखने को जरूर मिल रहा है, लेकिन उप नगरीय इलाकों में वायु की गुणवत्ता अभी भी काफी खराब दिखाई दे रही है। शिवाजी नगर इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक 203 पर दर्ज किया गया। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मुंबई महानगरपालिका वायु प्रदूषण से निपटने का जो प्रयास कर रही है वह उसमें पूरी तरह से असफल (Fail) नजर आ रही है। 

देशभर के शहरों में ख़राब हुई वायु गुणवत्ता 
मुंबई ही नहीं इस समय देश के कई शहर खराब वायु गुणवत्ता का खतरा झेल रहे हैं और हर जगह की नगरपालिका उससे निपटने में पूरी तरह से नाकामयाब दिखाई पड़ रही है। आइए डालते हैं सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले पांच मुख्य शहरों पर एक नजर। 

 

अच्छी वायु गुणवत्ता वाली टॉप 5 सिटी  
ऐसा नहीं है कि देश के सभी शहर वायु प्रदूषण से गुजर रहे हैं दर्जनों शहर ऐसे भी हैं जहां की वायु गुणवत्ता बिल्कुल अच्छी है। इसमें आइजोल पहले नंबर पर है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं वह कौन से पांच शहर हैं जहां हवा बेहद अच्छी है। 

 

सबसे प्रदूषित शहर 
वहीं अगर देशभर में बात करें तो करीब 35 शहरों में वायु की गुणवत्ता काफी खराब दर्ज की गई है। बुधवार 22 नवंबर के अगर आंकड़े हम देखें तो इसमें करीब 35 शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। इन शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक पर डालें एक नजर। 

 

मुंबई के इलाकों में वायु गुणवत्ता 
मुंबई की अगर बात करें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया। नवी मुंबई में यह सूचकांक 117 दर्ज किया गया। मुंबई में भी कोलाबा में एक्यूआई 99 पर था। वहीं  शिवडी, साइन, मलाड में क्रमशः 170, 130, 174 के करीब एक्यूआई दर्ज किया गया। कुर्ला, सांताक्रुज, घाटकोपर और खेरवाड़ी में क्रमशः 124, 122, 152 और 147 पर वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। 

 
 
प्रदूषण रोकने में फेल हुई बीएमसी 
कुल मिलाकर मुंबई की हवा की अगर बात की जाए तो यह दम घोंटने वाली है। मुंबई महानगरपालिका ने एंटी स्मॉग गन का भी सहारा लिया है। सड़कों की धुलाई की जा रही है। वाहन उत्सर्जन रोकने के लिए मालवाहक वाहनों पर निगरानी रखी जा रही है और उनसे जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है। खुले में लड़कियां, कूड़ा और अलाव जलाने पर पाबंदी लगी हुई है।  इतना ही नहीं दिसंबर में कृत्रिम वर्षा की योजना को भी हरी झंडी मिल गई है। क्लाउड सीडिंग, एंटी स्मॉग गण और तमाम हो रहे प्रयासों के बावजूद बीएमसी कहीं ना कहीं वायु प्रदूषण को मुंबई में रोकने के लिए नाकामयाब नजर आ रही है। वहीं मुंबई महानगरपालिका को हाईकोर्ट की भी फटकार मिल चुकी है। हालांकि बीएमसी ने अपनी सफाई में अपने प्रयासों का हवाला जरूर दिया है। लेकिन हाईकोर्ट की तरफ से भी महानगर पालिका को इस पर जल्द एक्शन लेने का आदेश दिया गया है। 
 

प्रदूषण से करें खुद का बचाव 
सर्दी के मौसम में हमेशा ही शहरी और उपनगरीय इलाकों में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है। इसका मुख्य कारण पोल्यूटेंट्स यानी प्रदूषक को माना जाता है। मानसून जाने के बाद शुष्क हवा में अचानक से नमी बढ़ने के कारण प्रदूषक हवा में फैल जाते हैं और उसकी वजह से वायु की गुणवत्ता खराब होने लगती है। शहरी इलाकों में धड़ल्ले से हो रहे निर्माण कार्य की वजह से भी सड़क पर धूल की मात्रा में इजाफा हुआ है और यह भी प्रदूषण को बढ़ाने का काम करती है। वहीं मुंबई महानगरपालिका की तरफ से प्रदूषण को लेकर लोगों को सजग रहने को कहा गया है। आपको बता दें कि प्रदूषण की वजह से श्वसन जनित बीमारियां अपने पांव पसारती हैं। ऐसे में बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।