वृक्षों के संरक्षण में बीएमसी उद्यान विभाग अव्वल, ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका ने भी सराहा

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    मुंबई: वृक्षों (Trees) के संरक्षण में ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड का पुरस्कार पा चुके बीएमसी (BMC) के उद्यान विभाग को ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका (USA)से भी सराहना मिली है। पिछले महीने ब्रिटेन सरकार की ऑफिसियल मैग्जीन एआरबी में ट्रेडिशनल टी केयर ने आर्टिकल प्रकाशित किया था, जिसमें वृक्षों को कीट और  पतंगों से बचाने के लिए पेड़ के तने पर गेरु और चूने का लेप लगाया जाता है। इससे वृक्ष की आयु बढ़ जाती है। यूके (UK) के बाद अब अमेरिकन मैग्जीन एरबोरिस्ट ने भी भारतीय पद्धति से संरक्षित किए जा रहे पेड़ों की तकनीकी की खबर प्रकाशित की है।

    मुंबई (Mumbai) में इससे पहले वृक्षों की गणना की जा चुकी हैं। पिछले वर्ष तक मुंबई में वृक्षों की संख्या 30 लाख थी। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान को मिला दें तो मुंबई के आसपास कुल एक करोड़ 10 लाख वृक्ष हैं। पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की पहल पर  खुली जगह पर पौधरोपण  कार्यक्रम चल रहा है।  मियावाकी पद्धति से लगाए गए वृक्षों के कारण मुंबई में हरियाली बढ़ी है। 

    वर्षों से जारी है यह तरीका 

    मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) उद्यान विभाग के निदेशक जितेंद्र परदेशी ने बताया कि मुंबई जैसे शहर में भारतीय पद्धति के बिना पेड़ों को संरक्षित करना कठिन है। पेड़ों को संरक्षित करने की इस तकनीकी से मुंबई को ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड पुरस्कार मिला है। पिछले साल मलेशिया के राजदूत भी एक शिष्टमंडल के साथ बीएमसी उद्यान का भ्रमण कर कहा था कि यह तकनीकी मलेशिया में भी बहुत कारगर साबित हो सकती है। कम लागत से पेड़ों को संरक्षित करने का यह भारतीय तरीका मुंबई उद्यान विभाग वर्षों से कर रहा है।

    मुंबई में वृक्षों को छांटने का नियम सख्त

    बीएमसी के अलावा मुंबई में यदि दूसरा कोई वृक्षों की कटाई छंटाई करता है तो उसे भारी जुर्माना देना पड़ता है। वृक्षों की कटाई या छंटाई नियम सख्त होने के कारण कोई पेड़ काटने की  हिम्मत नहीं करता है। हालांकि बीएमसी का गार्डन विभाग मानसून से पहले एक बार वृक्षों की छंटाई करता है।  किसी को वृक्षों की कटाई या छंटाई करनी है तो उसे बीएमसी से अनुमति लेनी पड़ती है।