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    मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (ST) के सरकार में विलय (Merger) के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट अगले दो दिनों में आने की उम्मीद है। इस बात की घोषणा परिवहन मंत्री अनिल परब (Transport Minister Anil Parab)ने की है। उन्होंने कहा कि एसटी श्रमिकों से हड़ताल (Strike) खत्म करने के लिए बार-बार अपील की जा रही  है। 

    अनिल परब ने कहा कि अब तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद इसे कोर्ट में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि एसटी बंद रखने से कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है। परब ने कहा कि एसटी हड़ताल (ST Strike) की वजह से निगम को अब तक करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार सरकार, एसटी के विलय पर फैसला लेगी। 

    अनिल परब के घर के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ी

    सटी कर्मचारी परिवहन निगम को सरकार के साथ विलय करने की मांग को लेकर पिछले तीन महीनों से आंदोलन पर हैं। इस बीच 2019 में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 1800 प्रशिक्षुओं को तत्काल रोजगार देने की मांग को लेकर भी आंदोलन शुरू हो गया है। इसके मद्देनजर बांद्रा में अनिल परब के घर के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    हड़ताल को पूरी तरह से ख़त्म करने में नाकाम

    विलय की मांग पर अड़े एसटी कार्यकर्ताओं की हड़ताल खत्म करने में सरकार अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। सरकार ने विभिन्न तरीकों से हड़ताल समाप्त करने का प्रयास किया है। इसके तहत एसटी कर्मचारियों के वेतन में बम्पर वृद्धि का लॉलीपॉप भी दिया गया। वहीं,  सरकार ने पंजीकृत यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ संबंध तोड़ने के अलावा कर्मचारियों ने निलंबन और बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी शुरू की। लेकिन कर्मचारी विलय की मांग पर अड़े हुए हैं।  

    शरद पवार की पहल भी बेकार

    एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी एसटी कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म करवाने की पहल की थी, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ है। वहीं एसटी के सरकार के साथ विलय के प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पहले कहा था कि यह संभव नहीं है और इस बात को एसटी कर्मचारियों को अपने दिमाग से बाहर निकाल देना चाहिए।