मुंबई : कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष (State President) नाना पटोले (Nana Patole) ने बीजेपी (BJP) पर राज्य को अंधेरे में धकेल कर राजनीति (Politics) करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि महावितरण (Mahavitaran) की आर्थिक स्थिति (Economic Condition) खराब होने के बावजूद बीजेपी के नेता किसानों और ग्रामीण इलाकों के लोगों से बिजली बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील कर रहे हैं। उपभोक्ताओं ने यदि बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया तो आने वाले दिनों में पूरे राज्य में अंधेरा छा सकता है।
बिजली बिलों के बकाये को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने भाजपा नेताओं पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान बिजली विभाग में खूब लूटपाट हुई थी। मुंबई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पटोले ने कहा कि राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार गठित होने के बाद से ऊर्जा मंत्री नितिन राउत महावितरण और ऊर्जा विभाग को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि एमएसईडीसीएल के बिजली बिलों का बैकलॉग पूरा नहीं हुआ तो पूरा राज्य अंधेरे में चला जाएगा। पटोले ने दावा किया कि भाजपा नेता किसानों से कह रहे हैं कि वे अपने मौजूदा बिजली बिलों का भुगतान न करें।
बीजेपी नेता कह रहे हैं कि कोई बिल न दें
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने 2017 में कृषि पंपों के बिल माफ करने की घोषणा की थी। दूसरी ओर, 2017, 2018 और 2019 में सूखे के कारण, किसानों को कोई बिल नहीं भेजा गया। महावितरण किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से उनके वर्तमान बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए कह रही है, लेकिन बीजेपी नेता उनसे कह रहे हैं कि कोई बिल न दें। पटोले ने कहा कि हम गारंटी देते हैं कि अगर किसान मौजूदा बिजली बिल के लिए 2,000 रुपये से 3,000 रुपये का भुगतान करते हैं तो उनका कनेक्शन नहीं कटेगा।
आर्थिक संकट से जूझ रहे संस्थानों को ऋण नहीं देने का निर्देश
कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने कहा कि एमएसईडीसीएल की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि यह राज्य के लिए गंभीर मामला है। कोरोना काल में लॉकडाउन और बिजली बिल बकाया के कारण एमएसईडीसीएल की परिस्थिति नाजुक हो गई है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक और वित्तीय संस्थानों को आर्थिक संकट से जूझ रहे संस्थानों को ऋण नहीं देने का निर्देश दिया है। इसलिए कर्ज लेकर कारोबार चलाने का विकल्प भी बंद कर दिया गया है।