मुंबई के कुली को राहुल गांधी का इंतजार, मिलने पर करेंगे अपने दर्द का इज़हार

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  • राहुल गांधी से मिलने को बेकरार मुंबई के कुली
  • आधुनिक तकनीक का दंश झेलता कुली समुदाय
मुंबई: फिल्म दीवार में अमिताभ बच्चन ने कुली (Coolie) का किरदार निभाया था। बिल्ला नंबर 786 वाला किरदार आज भी लोगों के जेहन में बना हुआ है। लेकिन आधुनिकता के इस दौर में कुली समुदाय तकनीक का दंश झेल रहा है। कुली संगठन का कहना है कि उनकी समस्याओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इसलिए वो अपना दर्द राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सुनना चाहते हैं। जब से राहुल गांधी ने दिल्ली के कुली से मुलाकात की तब से मुंबई (Mumbai) के कुली भी राहुल गांधी का इंतज़ार कर रहे हैं।
 
राहुल को बताएंगे अपना दर्द
आज के समय में रेलवे स्टेशन पर इसके एस्केलेटर, लिफ्ट, बैटरी कार, व्हीलचेयर जैसे आधुनिक तकनीक वाले साधन मौजूद हैं और यही कारण है कि अब इसका बुरा असर कुली समुदाय  पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। रेलवे से सफर करने वाले यात्री अब कुलियों का इस्तेमाल नहीं करते हैं या फिर काफी काम करते हैं। तो ऐसे में सरकार और रेलवे प्रशासन को कुली की दुर्दशा पर ध्यान देना चाहिए लेकिन उनकी तरफ से कुलियों को कोई भी आश्वासन नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि वह राहुल गांधी से मिलकर अपने दर्द और जज्बात को बयां करना चाहते हैं। 
 
 
25 सालों से वह लगातार यात्रियों का बोझ ढो रहे हैं
आपको बता दें कि दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कुली समुदाय से मिलने राहुल गांधी पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने कुली की वेशभूषा को भी धारण किया था और बिल्ला नंबर 756 का बैज लगाकर वह कुली समुदाय की तकलीफ को सुनते हुए नजर आए थे। उसी के बाद से मुंबई का कुली समाज राहुल गांधी का इंतजार कर रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के कुली मंगेश अव्हाड़ (बिल्ला नंबर 05) कहते हैं कि पिछले 25 सालों से वह लगातार यात्रियों का बोझ ढो रहे हैं। इस दौरान उनके सिर के बाल भी उजड़ गए। लेकिन वह आज भी वहीं हैं। लालू के जमाने में उन्हें कुछ उम्मीद जगी थी जो कुलियों को रेलवे में स्थाई तौर पर गैंगमैन के कार्य पर रखने का काम कर रहे थे।  
 
राहुल गांधी का इंतज़ार
लेकिन कुछ समय के बाद सब कुछ बदलने लगा बैज नंबर 44 कुली मनु आंधले कहते हैं कि जमाने ने ऐसी करवट ली है कि गिरगांव के गरीब परिवार का बच्चा अधूरी पढ़ाई करने के बाद पिता के बैज के सहारे परिवार के भरण पोषण का सपना लेकर कुली का यूनिफॉर्म धारण तो कर लिया लेकिन आधुनिक तकनीक की वजह से अब हमारी कमाई में काफी गिरावट आई है।  कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कुलियों का भविष्य इस समय अंधकार में दिखाई दे रहा है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी तक उनकी गुहार पहुंचती है या नहीं और क्या राहुल गांधी इनसे मिलने मुंबई आते हैं।