मराठा आरक्षण के लिए हुई बैठक में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार गैरहाज़िर

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  • दोनों डीसीएम की गैर मौजूदगी पर उठा सवाल
  • मराठा आरक्षण देने सरकार गंभीर- मुख्यमंत्री
  • शिंदे ने कहा, भटक रही आंदोलन की दिशा
  • जरांगे पाटिल करें विचार, कराएं उपचार
  • तीन जजों की कमेटी बनाने का निर्णय

सूर्यप्रकाश मिश्र@नवभारत 
मुंबई: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के लिए सोमवार को हुई अहम बैठक (Meeting) से दोनों उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजीत पवार (Ajit Pawar) गैरहाजिर (Absent) थे। इस पर सीनियर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, उपख्यमंत्री को कम से कम यह तो दिखाना चाहिए कि इस मुद्दे पर हम सरकार के साथ हैं। यदि उनका कोई आंतरिक मामला है तो वे आपस में निपटा सकते हैं। लेकिन मराठा आरक्षण राजनीति का मामला नहीं है। मराठा समाज इस तरह की राजनीति से थक चुका है। एक जिम्मेदार विपक्षी दल के रूप में महाविकास आघाडी के सहयोगी दल इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। 

तीन जजों की कमेटी बनाने का निर्णय
सरकार मराठा समुदाय को ऐसा आरक्षण देने की पूरी कोशिश कर रही है, जो कोर्ट में टिक सके। ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी। मराठा आरक्षण को लेकर राज्य भर में मचे घमासान के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश भोसले, गायकवाड़ और शिंदे की एक समिति बनाने का निर्णय लिया है।  यह  कमिटी  मराठा आरक्षण देने के साथ अदालत में मराठा आरक्षण को बरकरार रखने के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि अब आंदोलन की दिशा भटक रही है।  मनोज जारांगे पाटिल को चर्चा के लिए आगे आना चाहिए और आंदोलन के दौरान शांति का रास्ता भी नहीं छोड़ना चाहिए। सीएम शिंदे ने अनशन पर बैठे जरांगे पाटिल एवं उनके सहयोगियों से उपचार कराने की अपील की। 

कैबिनेट बैठक में शिंदे समिति की रिपोर्ट  
मुख्यमंत्री ने बताया कि  मराठा समुदाय को मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए गठित की गई न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति की रिपोर्ट भी मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में स्वीकार की जायेगी। सीएम शिंदे ने कहा कि शिंदे कमेटी ने अब तक एक करोड़ 73 लाख 70 हजार 659 रिकॉर्ड की जांच की है, जिसमें 11 हजार 530 कुनबी जाति के रिकॉर्ड मिले हैं। मराठवाड़ा के पुराने रिकॉर्ड की जांच करते हुए उर्दू और मोडी भाषा के दस्तावेजों का मराठी में अनुवाद करने का काम चल रहा है। कुछ रिकॉर्ड खोजने के लिए सरकार से दो महीने की समय सीमा का अनुरोध किया गया था, इसलिए कमेटी को दो महीने महीने में अंतिम रिपोर्ट सौपने का एक्सटेंशन दिया गया है। 

जरांगे से करेंगे चर्चा
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल से भी चर्चा का निर्णय लिया गया है। यदि उनके प्रतिनिधि भी आते हैं तो मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद चर्चा हो सकती है। इसके लिए जालना के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को उनके साथ समन्वय का निर्देश दिया गया है। सीएम ने मिडिया को भी नसीहत देते हुए कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े यह भी देखना सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने मराठा प्रदर्शनकारियों से कोई भी अतिवादी कदम न उठाने और शांति बनाए रखने की अपील की। 

कैबिनेट उपसमिति की बैठक के निर्णय
सह्याद्री गेस्ट हाउस पर पत्रकार परिषद के पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में  मराठा आरक्षण और सुविधाओं के लिए गठित कैबिनेट उपसमिति की बैठक भी हुई। इस बैठक में तीन जजों की कमेटी नियुक्त करने, आरक्षण के निर्णय के बाद अदालती लड़ाई लड़ने और मनोज जरांगे के साथ चर्चा करने आदि कई निर्णय लिए गए। 

दोनों डीसीएम रहे अनुपस्थित
सीएम शिंदे की उपस्थिति में हुई इस बैठक में दोनों डेपुटी सीएम देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार उपस्थित नहीं थे। बैठक में समिति के अध्यक्ष व मंत्री चंद्रकांत (दादा) पाटिल, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, सार्वजनिक निर्माण मंत्री दादाजी भुसे, सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, उत्पाद शुल्क मंत्री शंभुराज देसाई, उद्योग मंत्री उदय सामंत, स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर और अन्य उपस्थित थे। 

साबित करेंगे मराठा समाज का पिछड़ापन
कैबिनेट उप समिति की बैठक में कहा गया कि मराठा समुदाय के पिछड़ेपन को साबित करने में पिछली प्रक्रिया में हुई त्रुटियों को सुधारा जाएगा। इसके लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, गोखले इंस्टीट्यूट जैसे अन्य संस्थानों द्वारा समाज के पिछड़ेपन का सर्वेक्षण कर अचूक डेटा तैयार किया जाएगा। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की इजाजत दे दी है। मराठा आरक्षण को लेकर अदालती लड़ाई के लिए वरिष्ठ वकीलों की टास्क फोर्स की एक बैठक कर  अगली अदालती लड़ाई लड़ने के लिए एक निश्चित दिशा तय की जाएगी। सभी जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों का शीघ्रता से सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है। 

पिछली सरकार की विफलता
सीएम ने कहा कि पिछली सरकार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मराठा आरक्षण को बरकरार रखने में विफल रही। हम किसी भी समाज का हक़ न मारते हुए मराठा समाज को आरक्षण देंगे।   नहीं देंगे। सांसद हेमंत पाटिल के इस्तीफे पर सीएम ने कहा कि उन्होंने भावना में आकर इस्तीफा दिया होगा, मैंने उनसे भी बात की है। यह आंदोलन न भटके, इस दिशा में सभी को प्रयास करने की जरूरत है। 

विधायक के घर हमला
मराठा आरक्षण को लेकर जिस समय कैबिनेट उपसमिति की बैठक चल रही थी उसी समय आन्दोलनकारियों द्वारा बीड में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर पर हमला कर आगजनी व पत्थरबाजी की गई। इससे राजनीति और गरमा गई। राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधा। उधर विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि वे स्वयं मराठा आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं।